रायगढ़। कृषि विज्ञान केंद्र, रायगढ़ में संचालित निकरा परियोजना अंतर्गत जलवायु लचीला प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसान भाइयों को जरुरी सलाह दिया जाता है। प्रधान अन्वेषक डॉ राजपूत, सह अन्वेषक डॉ के डीमहंत एवं वरिष्ठ अनुसंधान सहायक डॉ मनोज साहू द्वारा समय अनुसार कृषि एडवाइजरी जारी किया जाता है।
इसी क्रम में मृदा वैज्ञानिक डॉ के डी महंत ने जलवायु अनुकूल गुणवत्तापूर्ण बीजों के चुनाव के सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी देते हुए कहा कि हरित क्रांति के सफलता में उन्नत बीज की बहुत बड़ी भूमिका रही है। तथा सफल कृषि में बीज के महत्व को किसान भाइयों को समझना बहुत ही जरुरी है साथ ही जलवायु परिस्तिथियों के साथ-साथ बाजार मांग, क्षेत्रीय मौसम और मिट्टी के अनुसार उन्नत किस्मों के बीजों का चयन करें जो भविष्य में अधिक लाभ दे सके।
अच्छे बीजों का करें चुनाव
बेहतर फसल उत्पादन के लिए किसानो को अच्छे गुणवत्तावाले बीजों का चुनाव करना बेहद जरुरी है द्यउच्च गुणवत्ता प्रमाणित बीजों के उपयोग से ही किसान लगभग 20 प्रतिशत तक उत्पादन में वृद्धि कर सकते है। गुणवत्तापूर्ण बीजों के उपयोग से न केवल उत्पादन क्षमता बढती है। बल्कि खेती में लगने वाले खरपतवार को भी कम किया जा सकता है। अत: किसानों को बीज का चुनाव करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। डॉ महंत ने अच्छी बीज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि बीज में कुछ विशेष भौतिक गुण एवं पहचान होते हैं जो खऱाब बीज से बिलकुल वजनदार एवं चमकदार प्रतीत होते हैं। कुछ गुण जैसे अच्छी उपज देने वाला हो तथा बीज पूर्ण रूपेण शुद्ध हो अर्थात उसमें खरपतवार व अन्य फसलों के बीज नहीं होने चाहिए। सभी बीज रंग, रूप, आकार,आदि में समान रूप से हो। बीज में उचित आद्रर्ता हो अर्थात 5-10 प्रतिशत आद्रर्ता होनी चाहिए साथ ही बीज की अंकुरण क्षमता अच्छी हों ( 75-80 प्रतिशत) द्य शासन द्वारा प्रमाणित बीजों का ही प्रयोग करें।
बीज खरीदारी में भी दें ध्यान
वहीं बीज खरीदते समय तुलनात्मकरूप से इसकी गुणवत्ता की जाँच करेंबीज मिलावट युक्त, कटा, हुआया सडा नहीं होना चाहिए। क्योंकि कटे बीज में अंकुरण क्षमता एवं पोषण क्षमता कम होती है। बीज छोटा व सुखा नहीं होना चाहिए। बीज के अन्दर नमी होनी चाहिए ताकि अच्छे अनुकरण हो सके। बीज में भौतिक शुद्धता का अपेक्षित स्तर बेहद जरुरी है। किसान भाई उन्नत बीजों का उत्पादन वैज्ञानिकों की देख रेख में ही करें और बीजों को फफूंद नाशक दवा से उपचारित करके बोयें। अत: अपने पुराने बीजों को बदलते हुए उन्नत, गुणवत्ता पूर्ण, जलवायु अनुकूल बीजों का चुनाव करके बुवाई करें। जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि हो और जिले की उत्पादकता बढ़े।