सारंगढ़। शासन के द्वारा जन हितैषी मुद्दों को लेकर सबसे निचले स्तर के वर्गों के लोगों को निश्चित रूप से ईंटें बनाने की अनुमति शासन के द्वारा दी जाती है ताकि वह अपना जीवन यापन करने हेतु ईंट बना सके और ईटों से घर बना सके यह इनके निश्चित मात्रा में बनाने की उनको छूट दी जाती है और इस छूट के अंतर्गत उनको ईंटों का निर्माण कर अपना गुजर बसर चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में बनाने की स्वीकृति दी जाती है। जिसके आड़ में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ईंटों का निर्माण पर्यावरण स्वीकृति बिना तथा बिना खनिज विभाग को जानकारी दिए अथवा बिना किसी परमिशन के ईंट निर्मित कर रहे हैं और न ही निश्चित मात्रा में ईंटों का निर्माण हो रहा है। बल्कि उसको एक व्यवसाय के रूप में किया जा रहा है।
विदित हो कि बिना किसी शासन प्रशासन की स्वीकृति के बिना बनाई गई ईंट का यह निर्माण अवैध है, नवीन जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के अंतर्गत बहुत सारे ऐसे क्षेत्र हैं जहां ईंटों का निर्माण अवैध रूप से चल रहा है और निर्माण करने वाले लोग बिना किसी खौफ के अपना कार्य कर रहे हैं। उनमें शासन प्रशासन का जरा भी भय नजर नहीं आता। जिससे यह स्पष्ट होता है की खनिज विभाग और पर्यावरण विभाग की लापरवाही और अनदेखी का यह नतीजा है या घनिष्ठता बन चुके हैं की अधिकतर क्षेत्रों में निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहे हैं और इनको बेचकर अपनी तिजोरियां भी भर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि अगर विभाग अपना कार्य नहीं कर रहे हैं या फिर इस संदर्भ में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं तो उनके शान के प्रति वफ़ादारी भी संदिग्ध है। कुछ ग्रापं ऐसे हैं जहां पर पंचायत जेवरा के स्कूल परिसर के लगभग आसपास के क्षेत्र में ईटों का निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है। कुछ ही दूरी पर होने के कारण स्कूल के बच्चों पर भी इसका असर पड़ता होगा। वहीं अगर ग्राम पंचायत गोड़म की बात की जाए तो प्रधानमंत्री सडक़ के अंतर्गत आने वाले भ_ी चौक सडक़ के लगभग 50 मीटर के दायरे में ही अवैध रूप से ईटों का निर्माण किया जा रहा है। जाहिर सी बात है कि यह सडक़ किनारे बन रहा है तो आसपास के घरों, परिवेश के क्षेत्र में ही आती है, सारंगढ़ में ऐसे अनेकों जगह हैं जहां पर ईंटों का अवैध निर्माण हो रहा है। जिन पर कार्यवाही अभी तक शुन्य है कलेक्टर धर्मेश साहू इस पर संज्ञान लेवें।