रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा को उस शुभ दिन का इंतजार है जब सबसे ज्यादा नक्सली सरेंडर करें। ये बात उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि नई सरकार बनने के बाद कल मृत्यु 122 है। ये नक्सली पुलिस एंकाउंटर में मारे गए। 415 नक्लसियों ने आत्मसमर्पण किया है, गिरफ्तार 423 हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- मैं उस शुभ दिन की प्रतीक्षा में हूं जिस दिन आत्मसमर्पण की संख्या ज्यादा होगी, गिरफ्तारियों से। आत्मसमर्पण के माध्यम से पुनर्वास के माध्यम से नक्सल समस्या का समाधान होना चाहिए।
ठीक एक दिन पहले 29 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक महिला समेत 2 नक्सली मारे गए हैं। दोनों के शव और मौके से हथियार बरामद कर लिए गए हैं। मुठभेड़ में ढेर महिला माओवादी मनीला ष्ठङ्कष्टरू कैडर की है। इस पर 8 लाख का इनाम था। वहीं दूसरे नक्सली मंगलू कुडिय़ाम साल 2007 दंतेवाड़ा जेल ब्रेक की घटना में शामिल था। इस पर 1 लाख का इनाम था।
वर्दी में थी महिला नक्सली जिंदा पकड़ी गई
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि विशेष बात यह है 5 लाख की इनामी महिला नक्सली एरिया कमेटी मेंबर थी उसे जिंदा पकड़ा गया है। वो वर्दी में थी। जवानों ने उसको पकड़ा है और वह हिरासत में है। मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं कि विभिन्न आयामों में एक साथ नक्सल समस्या खत्म हो इसपर काम चल रहा है।
आजादी के बाद पहली बार बन रही सडक़ें
257 प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की सडक़े जिसे पिछली सरकार ने बनाने की कोशिश तक नहीं की थी, उसमें से विगत चार माह में 11 सडक़ों का काम पूरा किया गया है। इसके बाद 85 सडक़ें और हैं जिन्हें चुना गया है। 85 में से 40 सडक़ों पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। इन निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए गृह विभाग और पंचायत विभाग दोनों विभागों के अधिकारियों के अलग टीम गठित की गई है। गृहमंत्री ने बताया कि इसके अंतर्गत एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद, इसमें आईजी नक्सल ऑपरेशन, पंचायत विभाग की ्रष्टस् निहारिका बारिक इन सभी लोगों की एक संयुक्त टीम बनी है। विभाग की आवश्यकता क्या है और पुलिस महकमें से क्या सहूलियत की कितने समय में किस आधार पर दी जा सकती है इसका तुरंत ही टेबल पर निर्णय हो। इसकी तीन बैठक हो चुकी है दो बैठक रायपुर में हुई और एक बैठक दंतेवाड़ा में हुई। विशेष रूप से अबूझमाड़ में भी 6 सडक़ों का निर्माण प्रारंभ हुआ है। आज तक आजादी के बाद वहां रोड नहीं बन पाए थे।