रायपुर। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने जमकर फटकार लगाई। जिला प्रशासन ने सोमवार को क्रञ्जश्व स्टूडेंट के ड्रॉप आउट की समस्या को लेकर समीक्षा बैठक ली थी। इस बीच ड्रॉप आउट मुद्दे के अलावा कलेक्टर ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्राइवेट स्कूल की अव्यवस्था पर भी बात की। कलेक्टर ने कहा कि चुनाव के दौरान जब हमारी टीम एक स्कूल में बने मतदान केन्द्र पहुंची तो उन्हें यह तक नहीं बताया गया कि टुल्लू पंप का स्विच कहां है। मैं किसी स्कूल का नाम नहीं बताना चाहूंगा लेकिन हमें वहां रात में 3 बजे टैंकर भेजकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ी। क्या यही आपकी सामाजिक जवाबदेही है।
कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि चुनाव में प्राइवेट स्कूल में जहां मतदान केन्द्र बने थे हमने उनसे सिर्फ व्यवस्था बनाने का आग्रह किया। जब मतदान दल पहुंचे तो उनका वेलकम कर देना और उन्हें कहां क्या व्यवस्थाएं हैं यह बताने कहा था। मीटिंग में सभी ने कहा कि व्यवस्थाएं की जाएगी। अब अगले दिन समाचार पत्रों में नेगेटिव न्यूज देखने को मिली कि कलेक्टर ने व्यवस्था करने के लिए दबाव बनाया। हमने उस समय कहा था कि आप अपनी क्षमता के अनुसार थोड़ी व्यवस्थाएं कर ले। सभी प्राइवेट स्कूल के लोग यहां बैठे हैं बता दीजिए कि किन पर दबाव डाला गया। किसे यह कहा गया था कि व्यवस्था नहीं होने पर आपका स्कूल बंद कर दिया जाएगा? किसे यह कहा गया कि आपका स्कूल चलने नहीं दिया जाएगा? केवल कुछ ऐसे लोगों के कारण रायपुर लोकसभा में नेगेटिव न्यूज़ आई। मंच से कलेक्टर ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में किसी एक व्यक्ति के कारण पूरी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठा। सारे लोगों ने चुनाव को पर्व की तरह मनाया लेकिन कुछ लोगों के कारण सारी व्यवस्था पर सवाल उठाए गए। चुनाव में एक एक मतदान दल से हमने फीडबैक लिया है। पहले यह काम नहीं होता था। चुनाव होता था लोग अपने घर जाते थे। किस जगह पर टीम का अनुभव बहुत अच्छा रहा और कहां पर क्या समस्याएं आई, सारी चीजें हमारी टीम ने बताई। कई चीजों पर टीम ने हमें भी क्रिटिसाइज किया है।
हमने फीडबैक इसलिए लिया है कि अगर अगली बार जब हम व्यवस्था करें तो हम अच्छी व्यवस्था उन्हें दे पाए। आप हमसे सारी अपेक्षाएं करते हैं आपका भी सामाजिक उत्तरदायित्व है। कई विद्यालयों ने अपनी जिम्मेदारी मानकर अच्छी व्यवस्थाएं भी की थी। हमारी टीम जब लौटकर आई तो उन्होंने कुछ जगह की व्यवस्थाओं की तारीफ भी की। कलेक्टर ने बताया कि, 3 दिन के अंदर हमने एक-एक कर्मचारी के खाते में मानदेय का पैसा भेज दिया। यहां तक की हर एक आदमी को फोन गया है। जिन लोगों ने सही खाते की जानकारी नहीं दी उन्हें कुछ दिक्कत आई है लेकिन बाकी सभी लोगों के खातों में पैसा जा चुका है।