रायगढ़। शहर की पुरानी बस्ती के लोग इन दिनों दिन ढलते ही परेशान हैं, क्योंकि बाघ तालाब से सर्किट हाउस तक स्ट्रीट लाइट बन्द होने से आए दिन अनहोनी जो हो रही है। यही कारण है कि जागरूक लोग इसे शहर विकास के विपरीत बताते हुए खुद को असुरक्षित भी समझने लगे हैं।
आग उगलती गर्मी से दिनभर हलाकान होने के बाद जब शाम ढलती है और पुरानी बस्ती के बाशिंदे जब तफरीह के लिए बाघ तालाब होते हुए सर्किट हाउस की तरफ जाते हैं तो बेहद सावधानी बरतते हैं। दरअसल, इस वीआईपी रोड के किनारे खंभे में लगे लाइट्स हफ्तेभर से नहीं जल रहे हैं। ऐसे में लोग न चाहकर भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। शिक्षाविद अनिल यादव बताते हैं कि चांदनी चौक से राजा पारा तक सबकुछ ठीक ठाक है, लेकिन लोग जब बाघ तालाब से होते हुए चांदमारी की तरफ जाते हैं तो सर्किट हाउस तक स्ट्रीट लाइट्स जनहित में रोशनी देने की बजाए केवल शो पीस बनकर रह गई है। जबकि खर्रा घाट के गार्डन घूमने जाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। फिर भी नगर निगम की उदासीनता से स्ट्रीट लाइटों के नहीं जलने से छिटपुट अप्रिय वारदात भी होने लगी है, जो कतई सही नहीं है। लिहाजा, निगम प्रशासन को इसके लिए संजीदा होने की दरकार है।
टीवी टावर रोड में भी ऐसा ही कुछ आलम
ऐसा ही कुछ आलम शहर के एक और प्रमुख मार्ग एकताल रोड पर देखने को मिलता है। जहां टीवी टावर से आगे हाउसिंग बोर्ड कालोनी के पास से मुख्य मार्ग पर आये दिन स्ट्रीट लाईट नही जलने के कारण अंधेरा छाया रहता है और शाम ढलने के बाद अंधेरे के आलम में लोग जहां इस मार्ग से गुजरने में घबराते हैं वहीं सिर्फ गाडिय़ों की रोशनी में आवाजाही के चलते छोटी मोटी दुर्घटनाएं भी होते रहती है। दरअसल इस मुख्य मार्ग पर कम से कम मेडिकल कालेज तक पर्याप्त स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था निगम प्रशासन को करनी चाहिए। मगर लगता है कि विभाग को आने वाले किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
सर्किट हाउस से बाघ तालाब तक की स्ट्रीट लाइट बंद होने से लोग परेशान
शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा
