रायगढ़। जिले की सीमा से लगे ओडिशा प्रांत के रेंगाली थाना क्षेत्र के बार्डर पर स्थित ग्राम झारगांव के जंगल में चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के महापल्ली निवासी बाल्मिकी यादव और उसके बहनोई बसंत भोई ग्राम दयाडेरा ने मां काली की पूजा अर्चना कर एक नाबालिक को बली देने का प्रयास कर रहे थे। जिसे झारगांव के लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है। ग्रामीणों की सजगता से एक नाबालिग बली होने से बाल-बाल बच गया।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम महापल्ली निवासी बाल्मिकी यादव पिता स्वर्गीय डीलेश्वर यादव 40 वर्ष और उसके बहनोई बसंत भोई पिता जामिल भोई 25वर्ष ग्राम दयाडेरा चौकी कनकतुरा थाना रेंगाली जिला झारसुगुड़ा ओडिसा निवासी द्वारा ग्राम झारगांव निवासी एक 12 वर्षीय नाबालिक बच्चे को एक सौ रुपए देकर उसे जंगल में स्थित पूजा स्थल ले आए और पूजा पाठ शुरू कर दी।
इसी बीच लडक़े के माता को इसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीणों के सहयोग से घटना स्थल पहुंच कर बली देने से पहले ही पकड़ लिया। घटना स्थल पर बसंत भोई पकड़ा गया जबकि उसका बड़ साला बाल्मिकी फरार हो गया था। घटना की जानकारी रेंगाली थाना प्रभारी अभिमन्यु दुर्गा सहित कनकतुरा चौकी प्रभारी रमेश कुमार भईसाल घटना स्थल पहुंच गए और आरोपी को हिरासत में लेकर विवेचना शुरू कर दी है।
बच्चे की मां द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर ओडिशा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 364और 307 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। आज रेंगाली पुलिस आरोपी बाल्मिकी यादव को महापल्ली स्थित उसके निवास स्थान लाकर मामले की जांच कर रही है। रेंगाली थाना प्रभारी अभिमन्यु दुर्गा ने बताया कि अभी मामला विवेचना में है,आरोपी बाल्मिकी का कहना है कि वह मां काली का उपासक है। घटना शुक्रवार देर शाम की बताई जा रही है।
आरोपी ने खुद को बताया मां काली का भक्त
इस संबंध में पुलिस ने जब आरोपी बाल्मिकी से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मां काली का भक्त है। जिसके चलते उसने अपने साले के साथ मिल कर जंगल में पूजा पाठ शुरू किया था। वहीं पुलिस की मानें तो अभी मामले को जांच में लिया गया है।