रायगढ़. मातृ-शिशु अस्पताल के पूरी तरह से चालू हुए करीब तीन साल से अधिक हो गया है, लेकिन अभी तक यहां आईसीयू की सुविधा शुरू नहीं हो सका है। जिसके चलते यहां आने वाली गर्भवती माताओं की तबीयत बिगडऩे पर सुविधा के अभाव में रेफर किया जाता है, लेकिन कई बार विलंब होने से जान पर भी बन आती है।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ साल पहले जिले के गर्भवती माताओं व शिशु के लिए एक 100 बेड का मातृ-शिशु अस्पताल शुरू किया गया, जिसमें विभाग द्वारा यह दावा किया गया था कि इस अस्पताल में शिशु व शिशुवती माताओं के उपचार के लिए एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं होगी, लेकिन तीन-चार साल बित जाने के बाद भी इस अस्पताल में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। जिसका खामियाजा यहां उपचार कराने आने वाले मरीज व परिजनों को भुगतना पड़ता है। साथ ही सुविधा के अभाव होने से कई बार मरीजों के जान पर भी बन आती है, जिससे कुछ मरीजों की जान बच जाती है तो कुछ मरीज दम उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं। जिससे पैदा होते ही बच्चों के सिर से मां का साया उठ जाता है। हालांकि इसकी जानकारी जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भी है, लेकिन इसके बाद भी सुविधाओं का विस्तार न होना लोगों के समझ से परे है। हालांकि अधिकारियों की मानें तो विगत एक साल से यहां आईसीयू चालू करने के लिए कागजी कार्रवाई हो रही है, लेकिन अभी तक कोई साकारात्मक पहल नहीं होने के कारण समस्याएं बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि अस्पताल आने वाले मरीज के परिजनों की मानें तो जिले में मातृ-शिशु अस्पताल शुरू होने के बाद लोगों को यह लगा था कि अब शिशुवती माताओं को बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी, लेकिन इस अस्पताल में संसाधन का टोटा बना हुआ है। ऐसे में अगर कोई गर्भवती महिला गंभीर हालत में पहुंचती है तो यहां जांच के बाद उसे रेफर किया जाता है, लेकिन कई बार विलंब होने के कारण दूसरे अस्पताल जाते तक मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर इस अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था रहती तो काफी हद तक मरीजों को राहत मिलती। साथ ही सुविधाओं को कमी को देखते हुए अब लोगों का इस अस्पताल से मोह भंग होने लगा है, जिससे या तो मेडिकल कालेज अस्पताल या निजी अस्पतालों में उपचार कराने की मजबूरी बन चुकी है।
छह माह से चल रही कागजी कार्रवाई
इस संबंध में अस्पताल के जिम्मेदारों की मानें तो एमसीएच में आईसीयू चालू करने के लिए विगत छह माह से कागजी कार्रवाई चल रही है। साथ ही आईसीयू के लिए क्या-क्या सामान लगना है, इसकी भी सूची भेजा चुका है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई पहल नहीं हो रहा है। ऐसे में अब बताया जा रहा है कि सोमवार को ऑन लाईन रायपुर से बैठक होने वाला है, जिसमें एमसीएच में आईसीयू चालू करने की बात रखी जाएगी। अगर वहां से फायनल होता है तो आचार संहिता के बाद हो सकता है, चालू हो जाए।
एमसीएच में आईसीयू नहीं होने से मरीज व परिजन हो रहे परेशान
शिशुवती माताओं की तबीयत बिगडऩे पर करते हंै रेफर
