जशपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में ग्राम सामरबार में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा का शुभारंभ भव्य कलश शोभायात्रा के साथ हुआ।नारी शक्ति ने सिर पर कलश धारण कर पूरे गांव में शक्ति का संचार किया।गायत्री परिवार के पुरोहितों के द्वारा विधिवत पूजन अर्चन पश्चात स्थानीय मैनी नदी से कलश में जल भरकर यज्ञ स्थल तक माताएं बहनें पंहुचीं जहां उनकी आरती उतारकर स्वागत किया गया।
उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार द्वारा पूरे जिले में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ की श्रृंखला चलाई जा रही है।इसी तारतम्य में 22 मई से 25 मई तक बगीचा के सामरबार में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।कलश शोभायात्रा के बाद अगले दिवस प्रात: यज्ञीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें सर्वतोभद्र पूजन,देव आवाहन के बाद विश्न कल्याण की भावना के साथ यज्ञ भगवान को गायत्री मंत्र की आहुतियां समर्पित की गईं।
प्रज्ञा पुरोहित श्री विमल ने यज्ञीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए गायत्री के महात्म्य का वर्णन किया।गायत्री वह है जो सबके प्राणों की रक्षा करे गायत्री वह है जो सद्बुद्धि प्रदान करे,गायत्री वह है जिसके कारण विचारों में शुद्धता सात्विकता का संचार होता है।उन्होंने बताया कि आज के भौतिकवादी युग में हर व्यक्ति अपने आप से परेशान है।व्यक्ति अपने विचारों से पथ भ्रष्ट हो चुका है।जिसके कारण अस्थिरता व पतन की दिशा में व्यक्ति अग्रसर हो रहा है।उन्होंने सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री आद्यशक्ति मां गायत्री की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हर व्यक्ति को गायत्रीमय होने की आवश्यकता है।इसका सबसे सरल माध्यम गायत्री महामंत्र है।इससे न केवल हमारे विचारों में शुद्धता आएगी बल्कि हम यज्ञ के माध्यम से सत्कर्म की ओर अग्रसर होंगे।श्री विमल ने परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन का परिचय देते हुए कहा कि 13 वर्ष की आयु से गुरुदेव ने गायत्री के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।आज उन्हीं की सूक्ष्म शक्ति से गायत्री परिवार का विशाल तंत्र पूरे विश्व में युग निर्माण अभियान के माध्यम से लोगों के विचारों में परिवर्तन लाने का कार्य कर रहा है।गायत्री परिवार का एकमात्र लक्ष्य मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण है।व्यक्ति गायत्री के सद्गुणों को अपने जीवन में उतारना शुरु कर दे तो उसका स्वयं का निर्माण शुरु हो जाता है।व्यक्ति निर्माण के साथ परिवार निर्माण,समाज निर्माण,राष्ट्र निर्माण के साथ विश्व निर्माण की दिशा में वह अग्रसर होने लगता है। गायत्री परिवार सामरबार की महिला परिजन कविता गुप्ता ने बताया कि गायत्री परिवार के प्रज्ञा पुरोहितों की टोली के द्वारा यज्ञीय कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जिसमें प्रमुख पुरोहित विमल जी,गायक सोमार साय नागेश, वादक भरत राजवाड़े, प्रदीप ठाकुर,अवध राजवाड़े शामिल हैं।बगीचा, बतौली, दुर्गापारा,सरडीह,मैनी समेत आसपास के ग्रामीणों के द्वारा उक्त कार्यक्रम में सतत सहयोग प्रदान किया जा रहा है।सायंकालीन प्रज्ञा पुराण कथा में प्रतिदिन श्रद्धालु कथा श्रवण का लाभ ले रहे हैं।