रायगढ़। विश्वव्यापी सामाजिक आध्यात्मिक संगठन आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनन्दमूर्ति के 103 वां जन्मोत्सव को आज आध्यात्मिकता व सोल्लासपूर्वक मनाया गया। वहीं इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए गौतम प्रधान ने बताया कि श्री श्री आनन्दमूर्ति के जन्मदिवस आनन्द पूर्णिमां के पावन अवसर पर रायगढ़ आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के द्वारा आज विशेष बच्चों के मध्य मिष्ठान्न वितरण कर खुशियां बांटी गई और सभी के स्वस्थ खुशहाल जीवन की कामना में गुरु सन्देश व प्रार्थना की गई।
इनकी रही सहभागिता
रायगढ़ आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के द्वारा आज श्री श्री आनन्दमूर्ति के जन्मोत्सव पर कौहाकुण्डा स्थित दिव्यांग बच्चों के संस्थान नई उम्मीद के विशेष बच्चों के बीच खुशियां बाँटते हुए मिष्ठान्न वितरित की गई। इस अवसर पर रायगढ़ आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के भुक्ति प्रधान जनरल गौतम प्रधान, वरिष्ठ आनन्द मार्गी केदारनाथ प्रधान, उषा देवी प्रधान, खितिभूषण गुप्ता, गीता गुप्ता, अनीता नायक, धरित्री प्रधान,अरुण प्रधान ,शुभम नायक,सुनयना प्रधान, रमेश गुप्ता,प्रीति प्रधान सुनील चौरसिया, अजय पटेल ने इस पावन कार्यक्रम में अपनी सार्थक सहभागिता दर्ज कराई।
अत्यंत सरल है आनंद साधना पद्धति
श्री प्रधान ने बताया कि आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनन्दमूर्ति का जन्म बिहार के मुँगेर जिले जमालपुर में वर्ष 1921 को साधारण मध्य वित्त परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समस्याओं का कारण व निदान ढूँढने व लोगों को योग साधना की शिक्षा देने में समर्पित कर दिया और समाज सेवा को विस्तार देने वर्ष 1955 ईस्वी में आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की। अब तक पूरी दुनिया में 180 से भी अधिक देशों में आनन्द मार्ग की शाखा का विस्तार किया जा चूका है। आनंद मार्ग की जीवन शैली मानव जाति को एक नया दृष्टिकोण विकसित करके उन्हें अपने परम लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करता है द्य आनंद मार्ग की साधना पद्धति अत्यंत सरल है और बिना किसी जातिगत अथवा मजहबी भेदभाव के सभी को निशुल्क सिखाई जाती है।