रायगढ़। विगत सप्ताहभर तक धूव-छांव होने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट आने के बाद कुछ राहत थी, लेकिन अब फिर दो दिनों से लगातार अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी होने लगा है। ऐसे में मंगलवार को जिले का तापमान 42.8 डिग्री पहुंच गया था, जिससे पूरे दिन लोग गर्मी से बेहाल रहे तो वहीं शाम होते ही उमस ने बेचैनी बढ़ा दी थी।
उल्लेखनीय है कि मई माह के शुरूआत से ही अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी होने के कारण जिले का तापमान 42 डिग्री पहुंच गया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद द्रोणिका असर होने के बाद धूप-छांव के बीच कभी अंधड़ तो कभी बुंदाबांदी होने से तापमान में कमी आई थी, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत थी, लेकिन अब फिर से सुबह होते ही सूर्य देव के कड़े तेवर के चलते अधिकतम तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होने लगी है। ऐसे में मंगलवार को पूरे प्रदेश में रायगढ़ जिला सबसे गर्म रहा, जिससे यहां का तापमान 42.8 डिग्री पहुंच गया था। जिसके चलते पूरे दिन लोग ब्याकुल नजर आए, इसके साथ गर्म हवा के थपेड़े चलने के कारण एक बार फिर से शहर लू के चपेट में आने लगा है। जिससे सुबह से ही तेज गर्मी का अहसास होना शुरू हो जा रहा है। ऐसे में अब धूप से बचते हुए कामकाजी लोग घरों से निकल रहे हैं, लेकिन ज्यादा देर तक धूप में खड़ा होना मुश्किल हो रहा है। जिससे सुबह-शाम ही कार्य को निपटाने का प्रयास कर रहे है। साथ ही ज्यादातर लोग दोपहर से शाम तक घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। जिसके चलते दोपहर के समय सडक़े सुनी नजर आने लग रही है। वहीं शाम होते ही शहर की सडक़ों में जाम का नजारा देखने को मिल रहा है।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ
वहीं मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक द्रोणिका हरियाणा से पूर्वी बंगलादेश तक 0.9 किमी ऊंचाई तक बना हुआ है। साथ ही एक चक्रवाती परिसंचरण तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके अलावा चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के उपर 3.1 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है जो उत्तर पूर्व की ओर से आगे बढ़ते हुए 22 मई को एक निम्न दाब के क्षेत्र के रूप में मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने की सम्भावना है। यह इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर अवदाब में परिवर्तित होने के साथ ज्यादा प्रबल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसके चलते जिले के कुछ स्थानों पर बुधवार को बूंदा-बांदी के साथ अंधड़ चलने की बात कही जा रही है।
हालांकि इसके बाद भी अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। जिससे लगातार तापमान में वृद्धि का दौर बने रहने की संभावना है।