धरमजयगढ़। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत एक बार फिर से हाथियों के एक बड़े समूह की आमदगी के बाद गजराजों की कुल वर्तमान तादाद डेढ़ सौ से अधिक हो गई है। क्षेत्र में घरघोड़ा इलाके से 44 हाथियों का दल छाल रेंज अंतर्गत पहुंचा है। जिसमें से लोटान इलाके में 14 और 30 हाथी गंजईपाली जंगल में विचरण कर रहे हैं। वहीं, छाल वन परिक्षेत्र के ही पुरूंगा परिसर में 52 हाथियों का सबसे बड़ा ग्रुप मौजूद है।
रविवार की वन्य प्राणी संबंधी रिपोर्ट के अनुसार छाल रेंज अंतर्गत विभिन्न इलाकों में कुल 111 हाथी मौजूद हैं। वहीं, धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 26, कापू रेंज अंतर्गत 13 एवं बोरो रेंज के बलपेदा क्षेत्र में 7 हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में डिविजन क्षेत्र अंतर्गत अलग अलग इलाकों में कुल 157 हाथी मौजूद हैं।
जानलेवा खतरों को लेकर दी जा रही समझाइश
गनीमत है कि वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत हाथियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के बीच फिलहाल फसल नुकसानी के कम मामले सामने आ रहे हैं। विदित है कि इस समय तेंदू पत्ता तुड़ाई का काम चल रहा है। क्षेत्र में मौजूद सौ से अधिक हाथियों के बीच ग्रामीण तेंदू पत्ता तोडऩे का काम कर रहे हैं। वनोपज से आय के मुख्य स्रोतों में शामिल तेंदू पत्ता संग्रहण स्थानीय निवासियों की मजबूरी है। हालांकि अभी कुछ दिनों पहले ही छाल रेंज में तेंदू पत्ता संकलन करने जंगल गए दो ग्रामीणों की हाथी के हमले से मौत होने की अलग अलग घटना घटी है। वन विभाग इन सब हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए है। विभाग द्वारा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं। सुरक्षा को लेकर प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जान का जोखिम होने की बात कहते हुए जंगल की ओर जानें से बचने की सलाह दी जा रही है। इधर, हाथियों की संख्या में हुए इजाफे को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर चुनौती बढ़ती जा रही है।