खरसिया। ग्राम बडे डूमरपाली विकासखंड खरसिया में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान भक्ति गंगा में आचार्य विकास सुश्री आकृति तिवारी जी की मुखारविंद से कथा का अविरल रसपान कराया जा रहा है। तथा सुरताल लाय छंद से भजनों के द्वारा कथा श्रवण कर सभा में भाव विभोर हो रहे हैं ग्राम वासियों की कुल उपरोहित श्री नेत्रानंद दुबे जी के द्वारा अखंड रामायण पाठ व विश्व शांति की मंगल कामना के लिए प्रात: व सायं हवन पूजन किया जा रहा है तथा समस्त ग्राम वासियों की ओर से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भक्तों के लिए भोजन प्रसाद लंगर भंडारा किया जा रहा है उक्त कार्यक्रम में ग्राम की जागृत नारी शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है। श्रीमद् भागवत कथा 9 से 16 मई तक आयोजित किया गया है।
सुश्री आकृति तिवारी जी ने एक भेंट वार्ता में क्षेत्रीय संवाददाता रवि शंकर पटेल जी से बातचीत की उन्होंने बताया कि उनका जन्म 12 मार्च 2000 को लोरमी छत्तीसगढ़ के एक ब्राह्मण परिवार में श्री मानस तिवारी व माता श्रीमती अर्चना तिवारी के घर आंगन में हुआ पिता भी भागवत आचार्य होने से बचपन से ही श्रीमद् भागवत के प्रति ज्ञान भक्ति मिल गई और उन्होंने ब्रज की भूमि में जाकर स्कूली शिक्षा के साथ-साथ श्रीमद् भागवत कथा की शिक्षा भी ली और गांधीपूरा कवर्धा में वर्ष 2019 में पहले श्रीमद् भागवत कथा की व्यासपीठ बनी व अपने मधुर वाणी से श्रोताओं को मंत्रमुक्त की ।
सुश्री आकृति जी यह कहती है कि मानव कल्याण व राष्ट्रहित में सुधार के लिए वह भविष्य में भी कथा वाचिका के रूप में कार्य कर भटके हुए लोगों को सही राह में लाने का कार्य करते रहेगी आकृति जी कहती है कि हमारे देश के योग्य कुशल सरकार के द्वारा अयोध्या में भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण कर उसमें भगवान को विराजमान किए हैं ऐसे ही मथुरा में मैं श्री कृष्ण जी को भी देखना चाहती हूं तथा ज्ञानवापी में भगवान शिव जी को देखना चाहती हूं।
समाज सुधार व विश्व कल्याण के लिए देवी जी का संदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर की आस्था पर विश्वास के साथ विभिन्न रूपों में पूजा पाठ करना चाहिए किसी भी जाति धर्म की रहे हनुमान चालीसा पढऩा चाहिए , सूर्य और तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए , विश्व कल्याण के लिए मंगल कामना करना चाहिए , मांसाहार को त्याग कर शाकाहार बनना चाहिए व निर्दोष तथा मुख बधिर प्राणियों की जीव हत्या नहीं होना चाहिए ।
गाय हमारी माता है गीता हमारा पवित्र ग्रंथ है गौरी दुर्गा देवी हम सब की जगत जननी है गंगा हमारी तारिणी माता है ।तुलसी हमें ऑक्सीजन देने वाली एक पौधा ही नहीं एक औषधि प्रदान करने वाली माता है ।घास भूमि मुक्त होना चाहिए , पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें पेड़ लगाना चाहिए , योग और आयुर्वेद को अपनाना चाहिए इसी में हम और आप सब की भलाई है । आकृति जी कहती है कि हमेशा बहन बेटी की सम्मान होना चाहिए , अपने माता-पिता व गुरु जनों तथा अपने से बड़ों की आदर सम्मान के साथ प्रणाम करना चाहिए । प्रत्येक दिन श्री राम और श्री राधे की स्मरण के साथ सवेरे उठना चाहिए जिससे भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है इसमें हमें हर संभव देश की सरकार को सहयोग करना चाहिए।