जांजगीर-चांपा। जिले के बलौदा क्षेत्र में गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए किसानों के खेतों को बिना मुआवजा दिए खोदा जा रहा है। वहीं छोटे-बड़े पेड़ों की भी कटाई की जा रही है, जबकि इसकी सूचना संबंधित किसान को भी नहीं दी गई है। इधर, मामला मीडिया में आने के बाद गेल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी अब किसानों को मुआवजा तय होने की सूचना दे रहे हैं, जबकि इसके पहले कई किसानों के खेत में लगे पेड़ों की कटाई की जा चुकी है।
जानकारी के अनुसार, गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा मुंबई, नागपुर, झारसुगड़ा प्राकृतिक गैस पाइप लाइन परियोजना के अंतर्गत बिछाई जा रही है। बलौदा तहसील के पांच गांव से पाइप लाइन गुजरेगी, इसमें नावापारा, नवागांव भी शामिल है। बलौदा ब्लाक के ग्राम नावापारा के किसान श्याम लाल पाटले को बिना मुआवजा दिए उसके खेतों में जबरदस्ती कार्य शुरू कर दिया गया। जबकि किसान को इसकी सूचना ही नहीं थी। श्यामलाल पाटले ने बताया कि उसको बिना सूचना दिए खेत के पेड़ों को काट दिया गया था। अब कर्मचारी मुआवजा देने की बात कह रहे हैं और वे इस संबंध में दस्तावेज लेने भी पहुंचे थे। जबकि उनके खेत से पेड़ पहले कट गया है। इसी तरह अन्य गांव के किसानों के खेत के पेड़ों की कटाई की जा रही थी। मामला मीडिया में आने के बाद गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के अधिकारी हरकत में आए और किसानों को उनके भूमि और पेड़ों की मुआवजा राशि के संबंध में सूचना दी जा रही है। इसमें भी यह कहा गया है कि किसान निर्धारित मुआवजा प्राप्त करने के लिए स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से कार्यालय में पासबुक और आधार कार्ड की छायाप्रति उपलब्ध कराए। गेल का कैंप आफिस रायपुर के व्हीआईपी चौक तेलीबांधा के पास है। ऐसे में किसानों को वहां जाने में भी परेशानी हो रही है। किसी किसान को पांच हजार रूपए मुआवजा मिलना है तो एक से डेढ़ हजार रूपए आना-जाना में ही खर्च हो जाएगा। किसानों ने दस्तावेज गांव में ही आकर जमा करने और खाते में मुआवजा राशि देने की मांग की है।
2022-23 का प्रकरण, 10 मई को अवार्ड पारित
ग्राम नवागांव के प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए वर्ष 2022-23 में राजस्व प्रकरण दर्ज था। इतने दिन तक अवार्ड पारित नहीं हुआ था। मीडिया में मामला आने के बाद 10 मई को अवार्ड पारित हो गया और इसी दिन से किसानों को इसकी सूचना भी दी जा रही है।