रायपुर। परिवहन और पंजीयन ऐसे विभाग हैं, जिसमें बिना दलालों के कोई काम नहीं होते। हालांकि, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बनने के बाद दीपांशु काबरा ने परिवहन के काम को काफी सारा ऑनलाईन कर दिया है। ट्रांसपोर्ट में अब बिना दलाल के भी काम कराया जा सकता है। बशर्ते अगर टाईम दिया जाए। लोगों की आदत दलालों से काम कराने वाली हो गई, इसलिए वे दलालों के पास चले जाते हैं। मगर पंजीयन विभाग आज भी दलालों के कब्जे में है। जमीन या घर, संपत्ति के पेपरों में इतना लोचा बनाकर रखा गया है कि बिना दलाल काम हो ही नहीं सकता। पूरा आफिस दलालों से भरा रहता है। बड़े बिल्डर हों या फिर आम आदमी, बिना दलाल रजिस्ट्री करा ही नहीं सकता। जबकि, दलालों को पंजीयन आफिस में इंट्री वैन है। रायपुर में एमके राउत कलेक्टर होते थे। वे एक बार पंजीयन आफिस का जायजा लेने गए। वहां दलालों की फौज को देखकर पूछे…कौन हैं ये लोग। उन्हें बताया गया रजिस्ट्री दलाल। नाराज होकर राउत ने दलालों की इंट्री बंद करा दी थी। मगर उनके बाद किसी कलेक्टरों को इन सब चीजों में दिलचस्पी रही नहीं। ये रायपुर का ही नहीं, पूरे प्रदेश का यही आलम है।
अब छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पंजीयन आफिसों को ठीकठाक करने पर ध्यान दिया जा रहा है। मंत्री ओपी चौधरी ने अफसरों को दो टूक निर्देश दे दिया गया है कि रजिस्ट्री आफिस को दलालों से मुक्त करना है। उन्होंने अफसरों को रजिस्ट्री के लिए ऐसा आसान साफ्टवेयर बनाने के लिए कहा है कि जिससे आम आदमी को बिना रजिस्ट्री कार्यालय आए रजिस्ट्री हो जाए। मंत्री ने इसके लिए कुछ राज्यों में चल रही योजनाओं का भी अध्ययन करने कहा है। मंत्री के निर्देश के बाद पंजीयन विभाग के सचिव और महानिरीक्षक एक्शन मोड में आ गए हैं। कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों ने पंजीयन सिस्टम में अच्छा काम किया है। वहां अफसरों की टीम भेजने की तैयारी की जा रही है। पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी ने एनपीजी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में घर बैठे रजिस्टी हो जाए, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। आम आदमी को सुविधाएं मिले, इसके लिए विभाग में सुधार के लिए अनेक स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं।