जांजगीर-चांपा। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज 10 मई 2024 वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ब्राह्मण युवा संगठन चांपा द्वारा आयोजित उपनयन संस्कार कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर संगठन द्वारा उनका बहुत ही आत्मियतापूर्वक स्वागत किया गया।
उन्होंने सभी बटुकों से सौजन्य भेट मुलाकात कर आशीर्वाद प्रदान किया, तत्पश्चात उपस्थित जनसमूह को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए राजेश्री महन्त महाराज ने कहा कि ब्राह्मण युवा संगठन चांपा द्वारा प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया पर बटुकों का उपनयन संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, यह एक अत्यंत सराहनीय सामाजिक कार्य है। भगवान परशुराम ने अपने जीवन में शस्त्र एवं शास्त्र दोनों को धारण किया। वे मात्रृ एवं पितृ भक्त थे। उन्होंने अपने गुरु का भी सम्मान किया। जब उन्हें पता चला कि भगवान शिव का धनुष टूट गया है, तब वे धनुष यज्ञ में पहुंच गए किंतु, जब उन्हें यह ज्ञात हो गया कि भगवान रामचंद्र जी साक्षात विष्णु के अवतार हैं, तब उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करने में संकोच भी नहीं किया। लोगों को भागवताचार्य दिनेश दुबे ने भी संबोधित किया और कहा कि यहां के ब्राह्मण समाज के संगठन की कार्य विधि प्रशंसनीय है, ये निरंतर समाज हित में कार्य कर रहे हैं। इसके पूर्व में ब्राह्मण युवा संगठन चांपा के अध्यक्ष पद्मेश शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि सन 1998 से लेकर आज तक बटुकों का उपनयन संस्कार का कार्य चल रहा है। प्रारंभ में हमें कुछ लोगों ने हतोत्साहित किया, किंतु हमारा संगठन निरंतर आगे बढ़ा है। भगवान परशुराम युवा संगठन चांपा द्वारा बटुकों का जनेऊ संस्कार के साथ विवाह संस्कार का कार्य भी संपन्न कराया जाता है। इस अवसर पर ब्राह्मण समाज के शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। विशेष रूप से कार्यक्रम में नरेशधर दीवान, जीपी दुबे, पुरुषोत्तम शर्मा, महेंद्र तिवारी, योगेंद्र तिवारी, वंदना पांडे, पद्मा शर्मा, मणिमाला शर्मा, निशा पांडे, संगीता पांडे, मीडिया प्रभारी निर्मलदास वैष्णव सहित सामाजिक संगठन के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बसंत चतुर्वेदी ने किया।