जांजगीर-चांपा। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह रोका गया। बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में ग्राम पंचायत अकलतरी में बालिका के घर जाकर जानकारी ली गयी।
बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल ने बताया कि ग्राम पंचायत अकलतरी में एक ही परिवार की 2 बालिका का विवाह निर्धारित था। टीम द्वारा दोनों बहनों की आयु सत्यापन संबंधी दस्तावेज की जांच की गयी। बड़ी बहन की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होना पाया गया एवं छोटी बालिका के दस्तावेज की जांच की गयी, जहां बालिका की उम्र 17 वर्ष 9 माह होना पाया गया। अधिकारी-कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया और 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् विवाह करने की समझाश के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में सबकी सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है। दल में शिवनंदन सिह मरकाम, अमित भोई, निर्भय सिंह, भुपेश कश्यप, जास्मिन निराला, आगनबाड़ी कार्यकर्ता सुलोचनी श्रीवास, कलिंद्ररी यादव, दुर्गा साहू, पुनेश्वर दास मानिकपुरी कोटवार शामिल रहें। ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लडक़ी की उम्र 18 वर्ष तथा लडक़े की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी, डीजे साउड, धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया, हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
जिला प्रशासन ने ग्राम अकलतरी में बारात आने के पूर्व रोका नाबालिग का विवाह
अधिकारियों ने परिजनों को दी 18 वर्ष पूर्ण होने पर विवाह कराने की समझाइश
