रायगढ़। जिला अस्पताल के मरच्यूरी में रखा डबल डोर फ्रीजर विगत छह माह से खराब पड़ा है। ऐसे में जिले में हर दिन हो रहे हादसे व अज्ञात शव मिलने पर फ्रीजर के अभाव में बाहर ही रखना पड़ रहा है, जिससे जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते लाश खराब हो जा रही है, इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले में आए दिन हो रहे हादसे व अन्य कारणों से जिला अस्पताल के मरच्यूरी में हर दिन करीब दो से तीन शव पहुंच रहा है, जिसमें कई शव ऐसे रहते हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं होने के कारण उक्त शव को तीन दिनों तक रख कर पुलिस उसकी पतासाजी करती है, ऐसे में अगर तीन दिन के अंदर में शिनाख्त हो जाती है तो पीएम हो जाता है, वरना एक -दो दिन और रखना पड़ता है। जिसको देखते हुए पूर्व में अस्पताल के मरच्यूरी में एक डबल डोर फ्रीजर व दो सिंगल डोर फ्रीजर रख गया था, ताकि एक साथ चार शव को सुरक्षित रखा जा सके, लेकिन विगत छह माह से डबल डोर फ्रीजर का कंप्रेशर खराब होने के कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसे सुधारने के लिए पहल नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते दो शव तो फ्रीजर में रखा जाता है, लेकिन उसके बाद आने शव को खुले में रख दिया जा रहा है। ऐसे में इन दिनों जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते 40 से 42 डिग्री तापमान में उक्त शव खुले में रहने के कारण उसमें दूसरे दिन ही स्मैल आना शुरू हो जा रहा है। जिससे यहां काम करने वाले कर्मचारी तो परेशान हो ही रहे हैं, साथ ही स्मैल के कारण परिसर से गुजरने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी उक्त फ्रीजर को सुधारने किसी तरह की पहल नहीं हो रही है।
गौरतलब हो कि विगत दो दिनों से मरच्यूरी में पांच शव रखवाया गया था, जिसमें से दो शव फ्रीजर में सुरक्षित था, तो तीन शव खुले में पड़ा था, ऐसे में जब शनिवार को एक शव की शिनाख्त हुई तो उसे पीएम के लिए जब निकाला गया तो पूरा परिसर स्मैल से भर गया, वहीं बताया जा रहा था, कि गर्मी के चलते शव दूसरे दिन ही शव खराब होने लग रहा है, लेकिन इसके बाद भी तीन दिनों तक परिजनों का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं शनिवार को देर शाम तक दो अज्ञात शव खुले में पड़ा था, जिसमें भी स्मैल आना शुरू हो गया था। साथ ही एक शव पुराना होने के कारण उसमें तो चिटिंयां लग गई थी, जिसे उठाने में भी लोग कतराते नजर आ रहे थे। गौरतलब हो कि जिले में मेडिकल कालेज अस्पताल शुरू होने के बाद यहां शव रखने के लिए छह डबल डोर का फ्रीजर लगाया गया है, ताकि शव सप्ताहभर तक सुरक्षित रह सके, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मेकाहारा प्रबंधन की मनमानी के चलते यहां पर एक भी शव नहीं रखा जाता है, साथ ही मेकाहारा में मरने वालों को भी जिला अस्पताल भेजा दिया जाता है, जिसके चलते मेकाहारा में लगे शव फ्रीजर पड़े-पड़े जंग खा रहा है और जिला अस्पताल में शव रखे-रखे खराब हो रहा है। इसके बाद भी न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा और न ही स्वास्थ्य विभाग जिसका खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ रहा है।
फ्रीजर का सामान रायपुर तक खोजा गया है, पर नहीं मिला है। ऐसे में अब इस परेशानी को देखते हुए नया फ्रीजर की मांग की जाएगी।
डा. आरएन मंडावी, सीविल सर्जन केजीएच
टाल-मटोल कर रहे अधिकारी
मरच्यूरी का फ्रीजर खराब होने की जानकारी विभाग के सभी अधिकारियों को है, साथ ही उन्हें भी पता है कि इस भीषण गर्मी में बगैर फ्रीजर का शव खराब हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी इसका सुधार कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में जब पुराने शव की शिनाख्त होती है और उसके परिजन पहुंचते हैं तो खुले में पड़े लावारिश शव को देखते ही अस्पताल की व्यवस्था को कोसते नजर आ रहे हैं।टाल-मटोल कर रहे अधिकारी मरच्यूरी का फ्रीजर खराब होने की जानकारी विभाग के सभी अधिकारियों को है, साथ ही उन्हें भी पता है कि इस भीषण गर्मी में बगैर फ्रीजर का शव खराब हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी इसका सुधार कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में जब पुराने शव की शिनाख्त होती है और उसके परिजन पहुंचते हैं तो खुले में पड़े लावारिश शव को देखते ही अस्पताल की व्यवस्था को कोसते नजर आ रहे हैं।