धरमजयगढ़। जिले के छाल क्षेत्र अंतर्गत आने वाला भुंडीबहरी नामक गांव इन दिनों लोगों की आस्था और कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। दर असल यहां पर एक नदी किनारे स्थित मंदिर के पास सैकड़ो की संख्या में नाग प्रजाति के सांप निकल रहे हैं। हर रोज एक तय समय पर बड़ी संख्या में सांप मंदिर किनारे पहुंचते हैं। इस इलाके में स्थित प्राचीन मंदिर किनारे बड़ी तादाद में नाग सांपों का दिखाई देना स्थानीय लोगों के लिए आस्था और कौतूहल का विषय बना हुआ है।
सोमवार को जिले के कई प्रतिष्ठित मीडिया समूह की टीम ने इस मामले की पड़ताल के लिए उस इलाके में पहुंचे। टीम ने पाया कि वाकई में उस जगह पर भारी संख्या में सांप हैं। जिले के छाल क्षेत्र के पोड़ीछाल गांव में मांड नदी तट पर पाखादरहा देवी मंदिर है जो नदी के बीचोबीच स्थित है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जब से मंदिर का निर्माण हुआ है तब से नदी में कितनो बाढ़ आये पर मंदिर डूबता नहीं है और इसी मंदिर के अगल बगल चटटान के एक खोह में सैकड़ो सांप निकल रहे हैं।
इस मामले को लेकर मंदिर के पुजारी व प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि साँपो का विकास होने के बजाय ये सांप छोटे होते जा रहे हैं। नवरात्र के तीसरे दिन से साँपो का यह झुंड इस जगह पर देखने को मिल रहा है। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि अनुकूल वातावरण और अन्य कारणों से सांप बड़ी संख्या में एक जगह पर रहते हैं। पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें एक ही स्थान पर भारी तादाद में नाग पाए गए हैं। उधर, मंदिर के पास नागों के निकलने की घटना स्थानीय लोगों के आस्था से जुडऩे लगी है। कई मर्तबा यह भी देखने को मिला है जब प्रकृति के रहस्यों को सुलझाने में विज्ञान असफल रहा है।
घट रहा सांपों का आकार!
इस पूरे मामले को लेकर मंदिर के पुजारी ने जो कहा वह अविश्वसनीय है। नारायण सिंह राठिया निवासी दर्रीडीह 19 साल से इस मंदिर में पूजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सांपो का आकार बढऩे की बजाय लगातार घट रहा है। हालांकि यह शोध का विषय है।
आस्था और कौतूहल का केंद्र बना भुंडीबहरी इलाका
पाथल दाई मंदिर के पास भारी संख्या में निकल रहे नाग
