सारंगढ़। लोग बाग हंसते हैं, मुस्कुराते हैं, अट्टाहास करते हैं और कहते हैं वाह यह कैसा जिला है? जिस जिले का उद्घाटन तीन सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी। सारा शहर दुल्हन की तरह से सजा था कलेक्टर रायगढ़ रानू साहू, कलेक्टर सारंगढ़ बिलाईगढ़ डी राहुल वेंकट पैदल सारंगढ़ शहर में भूपेश बघेल की अगुवानी में कलेक्ट्रेट कार्यालय तक चलते और दौड़ते दिखाई दे रहे थे। अब इस जिला को लगभग 3 साल होने जा रहा हैं। इन तीन सालों के भीतर इस शहर ने चार कलेक्टर देखें डी राहुल वैंकट, फरिहा आलम सिद्दकी, कुमार लाल चौहान और वर्तमान पदस्थ धर्मेश कुमार साहू चार कलेक्टर प्राप्त करने के बाद भी आज भी हम रायगढ़ जिले में है? यह हास्यापद वाक्या आपको सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतिम भाग सारंगढ़ सरसींवा के बीच परसदा नाला के पास लगे लोक निर्माण विभाग के आदमकद गेट में पढऩे और देखने के लिए मिल जाएंगा। एक तरफ हम रायगढ़ जिला में है, तो दूसरे तरफ के गेट में बलौदाबाजार जिला आपका स्वागत करता है।
विदित हो कि यह त्रुटि या भूल की श्रेणी में नहीं आती, क्योंकि अगर त्रुटि या भूल होता तो यह अभी तक सुधार दिया गया होता और गेट के लेख भी नया लिखा जा चुका होता, लेकिन आज भी अधिकारी वर्गों की जो मानसिकता है वह मानसिकता ना तो बदली है और नहीं बदली जा सकती है। यह आज भी सच है कि हम आज भी रायगढ़ जिले में है? क्योंकि ना तो परिवहन विभाग आया है ? ना हीं जिला पंचायत बन पाया है? ना हीं जिला न्यायालय के डीजे यहां बैठते हैं? ना हीं इन्कम टैक्स विभाग प्राप्त हुआ? ना जीएसटी विभाग आया? ना जिला जेल बना? ना अभी तक गुमास्ता एक्ट लगा? ना एन एच आफिस आयी? ना हीं पीडब्ल्यूडी कार्यालय का भवन तैयार हुआ? सारंगढ़ जिला के नागरिकों के सपनों का सौ उ विस्तरा अस्पताल भी अधर में दिखाई दे रहा है।