रायगढ़। रायगढ़ जिला बीते कई सालों से हाथियों के आतंक से जूझ रहा है। यहां के रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ दोनों वन मंडलों के कई रेंज में हर साल हाथियों की मौजूदगी रहती है जो आए दिन जंगलो से निकलकर रिहायशी इलाकों में दस्तक देकर अपनी मौजूदगी अहसास कराते आ रहे हैं। हाथियों की लगातार बढ़ती संख्या से यहां हाथी और मानव के बीच द्वंद में कभी इंसान तो कभी हाथी की मौत की खबरे अक्सर सामने आते रही हैं। जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों के मूवमेंट पर वन विभाग ड्रोन कैमरे से नजर बनाये हुए है ताकि हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को पहले से हाथियों के बारे में बताकर उन्हें सावधान किया जा सके। ड्रोन कैमरे का एक ऐसा वीडियो मिला है जिसमें जंगलों में हाथियों का एक दल विचरण करते हुए दिखाई दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला पहाड़ो और घने जंगलों से घिरा हुआ है यहां के जंगलों में हाथी के अलावा अन्य कई प्रकार के वन्यप्राणी विचरण करते हैं। खासकर जंगलों में भोजन और पानी की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से हाथियों ने बीते कई सालों से डेरा डाला हुआ है। रायगढ़ जिले के कुदमुरा गांव के जंगल में विचरण करने वाले हाथियों के एक दल का ड्रोन कैमरे का वीडियो भी सामने आया है जिसमें हाथी का दल जंगल में विचरण करते हुए दिखाई दे रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार ड्रोन कैमरे के जरिये जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों पर नजर रखते हुए हाथियों की तरफ जाने पर पूरे गांव में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को सावधानी बरतने की बात कही जाती है। साथ ही साथ किसी भी हाल में जंगल की तरफ नही जाने की सलाह भी दी जाती है ताकि उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो।
एक जानकारी के मुताबिक इन दिनों रायगढ़ जिले के जंगलों में 138 हाथी रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहा है। इस दल में 34 नर हाथी, 64 मादा, 40 बच्चे शामिल है। हाथियों के इस दल में बोरो के खम्हार बीट में सर्वाधिक 32 हाथी, छाल के हाटी बीट में 2 हाथी, धरमजयगढ़ के पोटिया बीट में 12 हाथी, धरमजयगढ़ के कोयलार बीट में 10 हाथी, कापू के कुमरता पूर्व बीट में 11 हाथी के अलावा धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के अलग-अलग बीट में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा के कटंगडीह बीट में सर्वाधिक 13 हाथी है, नवापारा में 8, कांटाझरिया में 4, कमतरा में 3 के अलावा कसडोल एवं तमनार के केराखोल पूर्व में एक-एक हाथी हैं विचरण कर रहे हैं।