बरमकेला। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि के अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर बरमकेला में गायत्री परिवार द्वारा ग्रामीण अंचल के श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर हवन पूर्णाहुति दी। यहाँ नवरात्रि के अंतिम दिन बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ एकत्र हुई थी। गायत्री मंदिर के व्यवस्थापक बंशीधर वर्मा, श्रीधर पटेल, टिकेश्वर पटेल, बीरसिंह पटेल, दयानिधि डेहरी, गंगाराम निषाद के उपस्थित रहे. व्यवस्थापक वर्मा ने राम के आदर्शों पर चलने के लिए आव्हान किया।
इस दौरान यज्ञ कुंडों मे अग्नि प्रज्ज्वलित कराकर 24 बार गायत्री महामंत्र, 5 बार महामृत्युंजय महामंत्र, 3 बार सूर्य गायत्री महामंत्र एवं 3 बार महाकाल मंत्र से तीन पालियों में आहुति डाली गई। श्रद्धालुओं ने गायत्री मंदिर में पूजा अर्चना करके गांव – परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना भी गई। इसके अलावा भगवान श्री राम का जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। गायत्री साधकों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। महानवमी व रामनवमी को लेकर पहली बार उत्साह देखने को मिला। क्योंकि अयोध्या नगर में स्थापित राम लला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद आस्था व विश्वास बढ़ा है और गांवों के राम जानकी मंदिर व जगन्नाथ मंदिर जैसे प्रतिष्ठानों में विशेष आयोजन किया गया था। साल्हेओना में भी नवरात्रि उपासकों ने नव कन्या भोज का आयोजन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
22 वर्षों से अखंड रामायण का आयोजन
भीखमपुरा में वर्ष 2002 में ओडिशा के पुरी पीठ के निश्चलानंद सरस्वती शंकराचार्य द्वारा प्रतिष्ठित राम जानकी मंदिर में प्रति वर्ष रामनवमी के अवसर पर अखंड रामायण का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी बुधवार सुबह 8.45 से मंदिर के सामने अखंड रामायण परायण प्रारंभ किया गया है और गुरुवार सुबह को समापन करके हवन पूर्णाहुति पश्चात राम जानकी मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। आयोजन के यजमान गगनबिहारी पाणिग्राही – विष्णु प्रिया पाणिग्राही ने आयोजन के लिए आसपास के श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है।
रामनवमी पर महाभंडारा का हुआ आयोजन
