जांजगीर-चांपा। आगजनी के घटना से निपटने के लिए पूरा शिवरीनारायण नगर जिला के दमकल वाहन के भरोसे है। ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि शिवरीनारायण नगर सहित आस पास के क्षेत्र में आगजनी की कोई बड़ी घटना हो जाने पर आग को फैलने से रोकने में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले सरकार में केरा गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेट मुलाकात कार्यक्रम में शिवरीनारायण नगर पंचायत के लिए एक दमकल की घोषणा की थी, लेकिन उस अब सरकार बदलने के बाद वह घोषणा सिर्फ सुर्खियों में ही रह गई। वही बरसात के बाद गर्मी में व दशहरा व दीपावली जैसे त्योहार, जिसमें फटाकों का प्रयोग किया जाता है, जहां आगजनी का अंदेशा बना रहता ही रहता है। गौरतलब है कि शिवरीनारायण नगर में आबादी वाले मोहल्लों की तंग गलियों में यदि ऐसी आग लगती है तो वहां भारी जान व माल का नुकसान हो सकता है। यहां नियमों को दरकिनार कर बहुमंजिली इमारतों का निर्माण लगातार हो रहा है। नगर की बड़ी इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम ही नहीं है। नगर पंचायत भी इस ओर आंखें मूंदे है। नगर की गलियां इतनी संकरी हैं कि यदि आग लग गई तो दमकल कर्मियों को घटनास्थल तक पहुंच पाना आसान नहीं होगा। नगर में जब भी आग लगती है तो जिला व आस पास के पावर प्लांटों से दमकल की टीम नगर पहुंचती है, लेकिन जब तक अग्निशमन वाहन मौके पर पहुंच पाती है, तब तक आग से सबकुछ नष्ट हो जाता है। अगर शिवरीनारायण तहसील में अग्निशमन वाहन हो तो आगजनी की घटना पर समय रहते काबू पाया जा सकता है।
दमकल की कमी से जूझ रहा नगर पंचायत शिवरीनारायण
तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद नहीं हो पाई व्यवस्था
