जैजैपुर। चंद्रा (चन्द्रनाहू) समाज के केंद्रीय अध्यक्ष ज्ञानसिंह चंद्रा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए पार्टी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा आज राज्य सहित पूरे देश के लोग कांग्रेस पार्टी की रीति नीति को अच्छी तरह से जान चुके है। कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। यही वजह है बीते साल सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में इन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा, अपने 5 वर्ष के शासनकाल में इन्होंने राज्य के जनता को ठगने और लूटने का काम किया, जिसके चलते राज्य की मतदाताओं ने इनको सत्ता से बेदखल कर दिया।
उन्होंने कहा, पूरे 5 वर्ष भूपेश बघेल ने राज्य के लोगों के सामने खुद को छत्तीसगढिय़ा, किसान बताकर किसानों को भी नही बख्शा। हद तो तब हो गई जब इन्होंने न्याय योजना के नाम पर किसानों को उनके बेचे गए धान की अंतर की राशि को देने की बात कही। लेकिन किसानों को धान की अंतर की राशि 4 किस्तों में देते थे, किस्तों में धान की अंतर राशि देना ये कैसा न्याय है। अपने शासन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भ्रष्टाचार, कोयला, शराब, महादेव, सट्टा ऐप का मायाजाल फैला कर राज्य को लूटने और जनता को ठगने का काम किया। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पास आज नेतृत्व संकट है। पूर्व मुख्यमंत्री खुद राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे है। वहां भी उनका विरोध उन्ही के पार्टी के लोग कर रहे है। ऐसे में राज्य के सभी 11 सीटों पर कांग्रेस की क्या स्थिति रहने वाली है, उसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस राज्य में खाता भी खुल जाए तो बड़ी बात है।
चुनाव लडऩे तैयार नहीं है कांग्रेस के नेता
चंद्रा ने बताया आज राज्य में कांग्रेस के टिकट पर कोई चुनाव नही लडऩा चाह रहे हैं। हालत ऐसी है इन्हें प्रत्याशी खोजना पड़ा। इतने बड़े राज्य में कांग्रेस पार्टी को 11 सीटों पर चुनाव लड़ाने प्रत्याशी नही मिल रहे थे। यही वजह है दुर्ग जिले 3 नेताओं को अलग अलग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाए जाना सोचनीय विषय है।
लोगों की बेहतरी के लिए काम रही भाजपा
चंद्रा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष ज्ञानसिंह चंद्रा ने मोदी सरकार और राज्य के विष्णुदेव साय सरकार की नीतियों की तारीफ करते हुए भाजपा को लोगों की बेहतरी के लिए कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा देश मे प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद से देश हर क्षेत्रों में आगे बढ़ा है। तो वही राज्य के साय सरकार ने भी किसानों की बकाया बोनस की राशि धान की अंतर की राशि को एकमुश्त में देकर किसानों के उत्थान का कार्य किये हैं।