रायगढ़। जिला अस्पताल के मरच्यूरी में तीन फ्रीजर रखा गया है, ताकि शव को एक-दो दिन तक सुरक्षित रखा जा सके, लेकिन विगत कुछ माह से यहां का बड़ा फीजर खराब पड़ा है, जिसे सुधारने अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अगर एक साथ तीन-चार शव आने पर बाहर रखना पड़ता है, जिससे तपती गर्मी में शव खराब होने का भी भय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिला की सडक़ों में बेलगाम दौड़ रही भारी वाहनों के चलते हमेशा हादसे होते रहते हैं। जिससे हर दिन एक-दो शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचता है। जिसको देखते हुए पूर्व में जिला अस्पताल के मरच्यूरी में तीन फ्रीजर लगाया गया था, ताकि पीएम के लिए आने वाले शव को फ्रीजर में रखा जा सके, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते यहां मात्र दो फ्रीजर ही चालू है, जिससे दोनों फ्रीजर में एक-एक ही शव रखा पाता। वहीं तीसरे फ्रीचर में दो शव रखने की व्यवस्था है, लेकिन यह फ्रीजर खराब होने के कारण तीसरा शव आने पर बाहर ही रखना पड़ता है, जिससे खराब होने का भय बना रहता है। हालांकि इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन से लेकर उच्चाधिकारियों तक को है, इसके बाद भी सुधार नहीं हो पा रहा है। वहीं अस्पताली सूत्रों की मानेें तो जिला अस्पताल स्थित मरच्यूरी रूम में रखा बड़ा फ्रीजर का कंप्रेशर विगत कई माह पहले से ही खराब है, जिसके चलते वह ठंडा नहीं कर पा रहा है। जिससे शव को भी रखने में समस्या आ रही है, ऐसे में सडक़ हादसे में मृत या अज्ञात शव को रखा तो जाता है, लेकिन फ्रीजर के अभाव में खराब होने की भय हमेशा बना रहता है।
अज्ञात शव के लिए बढ़ी दिक्कत
औद्योगिक जिला होने के कारण यहां हमेशा अज्ञात शव मिलते रहता है, जिसे पुलिस द्वारा मरच्यूरी में रखवा कर उसका पतासाजी की जाती है। इस दौरान तीन दिन में अगर उसके परिजनों का पता चलता है तो ठीक नहीं तो उसका अंतिम संस्कार कराया जाता है, लेकिन अब तो स्थिति यह हो गई है अगर अज्ञात शव को तीन दिन बाहर रखना पड़े तो स्मैल आना शुरू हो जाएगा।
सामान नहीं मिलने का हवाला
इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि विगत दिनों उक्त फ्रीजर की जांच कराई गई थी, जिससे पता चला कि कंप्रेशर फट गया है, साथ ही उक्त कंप्रेशर यहां नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते सुधार कराने में दिक्कत आ रही है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि इस बड़े फ्रीजर का कंप्रेशर नागपुर व मुुंबई जैसे शहरों में ही मिलेगा, जिसके चलते समस्या आ रही है। ऐसे में अब यह फ्रीजर कब तक बनेगा, इसका जवाब तो अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं। जिससे अब खामिजा मृतक के परिजनों को भुगतना पड़ेगा।