रायपुर। राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में रविवार को कैदियों ने परीक्षा दिलाई। इस परीक्षा में कैदियों से फिल इन द ब्लेंक और नंबर मैचिंग जैसे सवाल पूछे गए है। शिक्षा महाअभियान के तहत परीक्षा का आयोजन राज्य साक्षरता मिशन और जिला साक्षरता मिशन ने किया। इसमें जेल के 113 बंदी परीक्षार्थी के रूप में शामिल हुए।
कैदियों में सौ फीसदी साक्षरता लाने के लिए उनकी परीक्षा ली गई। इस आयोजन का लक्ष्य था कि कोई भी कैदी इतना साक्षर हो जाए कि वह शब्दों को और अंकों को पहचान सके। इसकी मदद से जीवन में वो समाज में वापस जाने के बाद कुछ बेहतर कर पाए। साक्षरता कार्यक्रम के तहत यह परीक्षा जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य के मार्गदर्शन में हुई।
दरअसल, जेल में कैदियों को साल भर बेसिक अंक और शब्द को पहचान जैसी पढ़ाई कराई जाती है। ये स्टडी जेल में मौजूद टीचर अपने स्टाफ और बाकी पढ़े-लिखे कैदियों के साथ मिलकर करते हैं। इसी पढ़ाई को लेकर कैदियों की परीक्षा ली गई। इस परीक्षा का रिजल्ट कुछ समय बाद उन्हें बताए जाएगा। इसके अलावा परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वालों का सम्मान भी किया जाएगा। जिससे दूसरे कैदी भी मोटिवेट हो सके। इस परीक्षा के दौरान एनसीआरटी दिल्ली से ज्योति तिवारी, एनएससीएल सलाहकार, डॉ. विजय खंडेलवाल जिला शिक्षा अधिकारी, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के नोडल अधिकारी प्रशांत पांडे, लोकेश वर्मा, नरेश नेताम के अलावा अन्य अधिकारी और टीम के मेंबर मौजूद रहे। इस दौरान एक्सपर्ट ने कैदियों को उल्लास कार्यक्रम के तहत साक्षरता शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर डिप्टी जेल अधीक्षक एमएल प्रधान और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
रायपुर सेंट्रल जेल के 113 कैदी बने स्टूडेंट, दिलाया एग्जाम
शिक्षा महाअभियान के तहत आयोजन
