छिंदगढ़। लोकसभा का बिगुल बज गया है व जहां भाजपा ने बस्तर लोकसभा क्षेत्र से महेश कश्यप को मैदान में उतारा वहीं कांग्रेस में चुनाव से पहले ही आपसी संघर्ष की स्तिथि बनती दिख रही है,लोकसभा चुनाव हेतू बस्तर से पूर्व मंत्री व वर्तमान कोंटा विधायक कवासी लखमा अपने पुत्र जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी की पैरवी करते दिख रहे हैं इस पर सुकमा की आदिवासी नेत्री भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने बयान जारी करते हुए कहा कि कवासी लखमा पुत्र मोह में अंधे हो चुके है अगर वो स्वयं भी बस्तर लोकसभा से खड़े होंगे तो उन्हें प्रचण्ड हार मिलेगी हमारे महेश कश्यप लाखों मतो के अंतर से उन्हें पराजित कर बस्तर की जनता की आवाज बनेंगे,मैं पूछना चाहती हूं कि पूर्व की सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने सुकमा के साथ साथ बस्तर के हित के लिए क्या कार्य किया है पहले इसका हिसाब बस्तर की जनता के सामने रखें उसके बाद लोकसभा लडऩे की बात करें,
इनके कार्यकाल में सुकमा अवैध दारू बिक्री का केंद्र बन कर रह गया था।
दीपिका ने यह भी कहा कि आबकारी मंत्री के कार्यकाल में सुकमा जिला जो उनका विधानसभा क्षेत्र था सिर्फ अवैध दारू बिक्री का केंद्र बनकर रह गया था,इन्होंने युवाओं को किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं दिया लोकसभा लडऩे से पहले जनता के बीच जाकर अपने पूरे 25 वर्षो के कार्यकाल का हिसाब दें उसके बाद लोकसभा का चुनाव लडऩे की बात करें,बस्तर की जनता बहुत अच्छे से इन्हें पहचान गई है और इसका जवाब चुनाव में इन्हें जरूर मिलेगा
अभी एनएच 30 के दर्द को नहीं भूले हैं सुकमा वासी
दीपिका ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर तंज कसते हुए कहा कि पूरे 5 वर्षों तक जब तक वो मंत्री रहे कभी भी एनएच 30 की सुध नहीं ली मंत्री पद से हटने के तुरन्त बाद उनकी नौटंकी चालू हो गई थी,पर वो यह न भूलें की यही वो जनता है जिन्होंने भूपेश सरकार को मौका दिया था और यही वो जनता है जिसने उन्हें धरातल पर पटक दिया एनएच 30 से गुजरने वाली बस्तर की जनता इस सडक़ के दर्द को नहीं भूली है अगर लखमा जी में हिम्मत है तो वो खुद लोकसभा के चुनाव में उतरें उन्हें अपनी लोकप्रियता का जो भ्रम है वो दूर हो जाएगा और हम प्रचण्ड मतों से जीतकर पुन: एक बार मोदी जी को प्रधान सेवक बनाकर जनता के हित में कार्य करेंगे