रायगढ़। भ्रष्टाचार की अजब गजब किस्से कहानी घरघोड़ा नगर पंचायत दफ्तर के गलियारों से निकलकर जिला मुख्यालय से डायरेक्टर तक शिकायत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत हो चुकी हैं। आलम यह है कि इसके बाद भी इस पंचायत की ढर्रे बाजी में कोई बदलाव नही आया है ऐसे में अब एक नया प्रकरण सामने आते ही पंचयात की राजनीति में उबाल आ गया है। जिसमें 5 माह पूर्व जनप्रतिनिधि के पत्र के हिसाब से सीएमओ ने कुछ बाबू तथा भृत्य में पदभार को बदल दिया गया है। इसके विरोध में उन्होंने भी मार्मिक पत्र लिखकर उक्त दायित्व को संभालने में अक्षम बताया है।
दरअसल घरघोड़ा में बहुमत के आधार पर नगर पंचायत की कुर्सी में कांग्रेस की सरकार काबिज है। जबकि इससे पूर्व बहुमत नही होने के बाद भी नगर पंचायत की कमान अध्यक्ष के तौर पर भाजपा में कांग्रेस के क्रास वोटिंग से सफल हो पाई है। ऐसे में यहां नूराकुस्सी का खेल चला आ रहा है। इन सभी के बीच अब वर्तमान में ताजा तरीन प्रकरण मे नगर पंचायत के कर्मचारियों के प्रभार में फेरबदल करने को लेकर सामने आया है जिसमें विश्वत सूत्रों के मुताबिक पांच माह पहले नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सीएमओ से खुद कर्मचारियों के प्रभार में फेरबदल करने की मांग करते हुए पत्र लिखे थे, अब जब चुनावी माहौल में लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगना है, इस दरम्यान करीब 5 महीने बाद होने सीएमओ ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों के प्रभार को फेर बदल दिया है। सीएमओ द्वारा कर्मचारियों के प्रभार में बदलाव किया गया है जिसमें भृत्य जैसे भी कर्मचारी शामिल है। इन्हें राज्य तथा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का प्रभार दिया गया है मोदी की गारंटी में शामिल पीएम आवास, राजस्व विभाग आवंटित किया गया है। बहरहाल कर्मचारियों के प्रभार एकाएक बदलने से विपक्ष में मौजूद भाजपा इसे मुद्दा बनाते हुए नगर पंचायत कांग्रेस सरकार तथा अधिकारियों पर निशाना साध रही हैं।
अदृश्य दबाव में 5 माह बाद प्रभार बदलने से बनी चर्चा
देखा जाए तो वर्तमान में राज्य में भाजपा की सरकार है ऐसे में 5 माह पूर्व पत्र पर संज्ञान लेकर प्रभार बदलने पर लोग राजनीतिक चुटकी भी ले रहे है। जिसमें कोई अदृश्य शक्ति बता रहा है तो भाजपा पार्षदों पर निष्क्रियता का आरोप लगाकर विपक्षहीन नगर पंचायत की चर्चा आम हो गई है। इन सभी के बीच इसी क्षेत्र से जुड़े आदिवासी नेता को भाजपा केंद्रीय समिति ने लोकसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में आने वाले दिनों में आचार संहिता से पहले राजनीतिक बवंडर की सुगबुगाहट चल रही है।
कार्य क्षेत्र परिवर्तन करने पर दोनों भृत्य ने लिखा मार्मिक पत्र
कार्य क्षेत्र में बदलाव के बाद भृत्य के पद पर पदस्थ कमल कांत गोपाल जिन्हें अब नए जिम्मेदारी के साथ राजस्व , भवन निर्माण एनओसी, स्टोर नल तथा अन्य विभागों का प्रभार दिए है। यह पद मिलने पर उन्होंने मार्मिकता भरा संवेदनशील पत्र सीएमओ को प्रेषित किया है।जिसमें उन्होंने बताया की नियुक्ति के बाद से सामान्य पद में वह कार्यरत है, अब तक किसी भी प्रकार का कोई भी कार्यालयीन कार्य नहीं किया गया है,और अनुभव हीन , जिसके चलते वह वक्त जिम्मेदारी में कार्य करने के लिए सक्षम बताते हुए पूर्व की भांति करने की मांग किया है। इसी तरह पंप चालक रजनीश सिंह ने भी पत्र लिखा है। जिसमें उनके द्वारा इसी तरह कार्य से पृथक करने का निवेदन किया गया इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्यगत समस्या उल्लेख करते हुए बैठक रहकर कार्य करने से चिकित्सक द्वारा मनाही किया गया। बहरहाल मानवता भरे पत्रों के बाद भी सीएमओ ने संज्ञान नहीं लिया है।
पार्षद के पत्र पर किया मैनेज, अब देखेंगे- सुमीत मेहत न.पं. घरघोड़ा
अध्यक्ष और पार्षद द्वारा इन्हें काम दिया जाए करके पत्र दिया गया था, इस आधार पर मैनेज किया जाता है। पद और प्रभार बदलने का कोई रीजन नही रहता। भृत्य द्वारा इस तरह पत्र लिखा गया,इस आधार पर देखेंगे और कार्रवाई करेंगे।