सारंगढ़। अभी तक देखने सुनने में आता था कि – शासकीय भूमि में अतिक्रमण किया जा रहा है । शहर की यह पहली घटना है की यहां निजी जमीन पर बलात अतिक्रमण कर कब्जा किया जा रहा है । आवेदक विकास अग्रवाल आत्मज विनोद अग्रवाल निवासी सारंगढ़ के द्वारा सारंगढ़ थाना , एसपी महोदय, जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए बताया कि – रानीसागर में मेरे स्वयं का राइस मिल है तथा राइस मिल के बाउंड्री वॉल से लग कर धर्म कांटा बना हुआ है ।जिसका उपयोग में लगभग 16 वर्ष से करते आ रहा हूं ।जिसकी जानकारी नगर के आम खास को है । 7 मार्च रात्रि को जब हम लोग राइस मिल बंद कर घर में सो रहे थे, तब मध्य रात्रि को आसपास कुछ व्यक्ति जिनकी संख्या 4 से 10 तक की हो सकती है वे कानून को अपने हाथ में लेकर मेरे राइस मिल के गेट के पास लगे हुए धर्म कांटा के पास गड्ढ़ा करके सीमेंट का खंभा और तार लगाकर मेरे स्वामित्व के जमीन पर अतिक्रमण कर लिए हैं। यह पूरी घटना मौके पर लगी सीसीटीवी कैमरा में कैद है ।जिसमें उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा रात्रि के समय बलपूर्वक अतिक्रमण किया गया है।
विवेक अग्रवाल आत्मा जे विनोद अग्रवाल ने बताया कि एसडीएम सारंगढ़ द्वारा 31 मार्च 2021 को उक्त जमीन का आदेश पारित किया गया की प्रश्नाधीन भूमि का स्थल निरीक्षण किया गया आवेदित भूमि ग्राम सारंगढ़ प. ह. न.28 तहसील सारंगढ़ में स्थित खसरा नंबर 52/2/ख रकबा 0.085 है.भूमि बी 1 खसरा वर्ष 2019-2020 के अनुसार विकास पिता विनोद अग्रवाल के नाम पर भूमि स्वामी हक में दर्ज है । विकास अग्रवाल के हक की इस जमीन को विजय केशरबानी द्वारा 29/12/23 को पार्वती जांगड़े पति राजकुमार जांगड़े को यह घोषणा करते हुए विक्रय कर दिया कि – यह भूमि 52/2/क मेरी संपत्ति है। यह जमीन किसी भी प्रयोजन के लिए बंधक नहीं रखी गई है यह जमीन हर प्रकार के ऋ ण भार व विवाद से मुक्त है । विजय केसरवानी द्वारा झूठ और साजिश के तहत उक्त जमीन पार्वती पति राजकुमार जांगड़े को विक्रय किया गया । एक ऐसी जमीन को जो विजय केसरवानी के नाम पर है ही नहीं उसे विजय केसरवानी द्वारा विक्रय कर दिया गया।
इस प्रकरण में उप पंजीयक अधिकारी और विजय केसरवानी की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है , क्योंकि विक्रय की गई जमीन विकास आत्मज विनोद अग्रवाल की है। पार्वती जांगड़े पति राज कुमार जांगड़े के द्वारा विकास अग्रवाल के जमीन पर राजकुमार जांगड़े के द्वारा 7 मार्च मध्य रात्रि को कब्जा मारा गया है । विजय केसरवानी ने जो जमीन पार्वती राजकुमार को विक्रय किया है वह जमीन मौके में नहीं है । उक्त विक्रय जमीन का आरआई और पटवारी का प्रतिवेदन भी रजिस्ट्री में नहीं है । विकास अग्रवाल अपने भूस्वामी हक के जमीन पर पूर्व में जाली लगवाया था और 17 साल से उक्त भूमि पर धर्मकांटा लगा हुआ था उसके भीतर भी राजकुमार जांगड़े द्वारा 7 मार्च मध्य रात्रि में जाली लगवाया गया है । देखने की बात है कि – विकास अग्रवाल आत्मज विनोद अग्रवाल के जमीन पर विजय केसरवानी आत्मज भारत केशरवानी द्वारा जोर जबरदस्ती मेरी जमीन है कह कर विभिन्न न्यायालय का शरण लिया , जहां विजय केसरवानी को पराजित होना पड़ा । तहसील न्यायालय, एसडीएम न्यायालय, कलेक्टर न्यायालय, यहां तक की बिलासपुर आयुक्त के पास मामला चला जिसमें विजय केशरवानी को हार का सामना करना पड़ा । शायद इसी बात को लेकर बदला चुकाने हेतु वह विकास आत्मज विनोद अग्रवाल की जमीन को पार्वती पति राज कुमार को विक्रय कर दिया है । इस मामले पर शासन – प्रशासन गंभीरता से विचार कर भू स्वामी को उसकी भूमि वापस कराया जाए।
निजी हक के जमीन पर बलात अतिक्रमण, मामले में उपपंजीयक की भूमिका भी संदिग्ध
