बिलाईगढ़। राजमहल प्रांगण में राजपरिवार के संकल्पित श्री विष्णु महापुराण ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ से आचार्य श्री पं अनिल शुक्ला द्वारा भगवान श्री कृष्ण के बाललीला चरित्र का विस्तृत वर्णन सुनायेंं।कि – भगवान जन्मोत्सव के साथ पूतना राक्षसी का उद्धार कर, सकटासुर का उद्धार करते हैं, तृणावर्त का उद्धार कियेंं एक वर्ष के अवस्था में भगवानका नामकरण संस्कार हुआ।बाल लीला में माखनचोरी, ऊखल बंधन की कथाओं का सार गर्भित वर्णन किया गया ऊखल में बंधे हुए दो देव पुरूषों को वृक्ष योनी से मुक्ति प्रदान करते हैं तथा हमें ज्ञान प्रदान करते हैं की जीव के लिए बंधन तन नहीं है, जीव के लिए सर्वोपरि बंधन उसका मन ही है। मन ही बंधन और मुक्ति का परम कारण है। आगे भगवान का वृंदावन प्रवेश, गौ चारण, बकासुर, अघासुर, धेनुकासुर,कालिया निग्रह की कथाओं का वर्णन सुनाया गया। भगवान द्वारा जीवों की स्वाभिमान, वृंदावन वासियों की रक्षा हेतु गोवर्घन धारी बने,रास कर गोपियों के भक्ति को पूर्णता प्रदान करते हैं। कथा विशेष में भगवान कृष्ण रूखमणी मंगल झांकी निकाल कर विवाह उत्सव मनाया गया। आयोजित इस ज्ञान यज्ञ में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है नगर के प्रतिष्ठित जन एवं राजपरिवार के सभी सदस्य गण उपस्थित थे।