लखनलाल देवांगन ने जारी किया नोटिस, जो प्लांट नहीं लगे उन पर कार्रवाई करें
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने गुरुवार को रायपुर के सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें नारायणपुर के महाप्रबंधक कमल सिंह मीणा नदारद दिखे, तो मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और कहा कि विभागीय बैठक में हर जिम्मेदार अधिकारी को आना होगा।
वहीं, समय सीमा में प्लांट नहीं लगाने वाले उद्योगों को 3 दिन के भीतर मंत्री ने नोटिस जारी करने को कहा है। उनसे जमीन वापस लेने की कार्रवाई करने के भी निर्देश मंत्री ने दिए हैं। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जल्द ही नई औद्योगिक नीति 2024-2029 लागू की जाएगी। इस बैठक में सभी जिलों के उद्योग और व्यापार केंद्र प्रबंधकों को बुलाया गया था। जिसमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, संचालक उद्योग पी. अरूण प्रसाद, संयुक्त सचिव एवं अपर संचालक उद्योग अलोक त्रिवेदी, प्रवीण शुक्ला, संतोष भगत सहित जिलों से आए अधिकारी उपस्थित थे।
रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास
उद्योग मंत्री देवांगन ने सभी जिलों से आए महाप्रबंधको को निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सोच है कि ज्यादा से ज्यादा हाथों में रोजगार हो। हमें रोजगार के साथ उनको काबिल भी बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगे, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े।
युवाओं को मिलेगा लोन
राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में उद्योग-धंधे सहायक हो सकते हैं। उद्योग मंत्री देवांगन ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की समीक्षा भी की। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा आवेदको स्वरोजगार के लिए लोन स्वीकृत करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि लोन पास करने के नाम पर बैंकर्स हितग्राहियों बैंकों के बार-बार चक्कर न लगवाएं। उद्योग विभाग के अधिकारी इस बात के विशेष ध्यान रखें।
मंत्री देवांगन ने नए जिलों में भी सभी योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि नए जिलों में भी आवेदनों के निराकरण के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर काम करे। कैबिनेट मंत्री ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह योजना माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्त्वाकांक्षी योजना है, सभी 18 ट्रेड के हितग्राहियों को बेहतर तरीके से ट्रेनिंग दिलवाएं।
मीटिंग में नहीं आए अफसर, तो भडक़े मंत्री
