रायगढ़। जिला अस्पताल परिसर व वार्ड की साफ-सफाई कर कर्मचारियों द्वारा गेट पर ही कचरे को डंप किया जा रहा है, जिसके चलते अस्पताल आते व जाते समय कचरे में घुसकर जाना पड़ रहा है। साथ ही जिस जगह में कचरा डंप हो रहा है, उसके कुछ ही दूरी पर पीने का पानी भी है, जिससे पानी लेने जाने वाले स्मैल से भी परेशान रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि हमेशा सुखिर्यों में रहने वाला जिला अस्पताल की दुर्दशा दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। यहां कभी साफ-सफाई तो कभी अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर अस्पताल आने वाले मरीज व परिजन परेशान होते रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में कुछ खास बदलाव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में विगत कुछ दिनों से अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के साथ-साथ सफाई के दौरान निकलने वाले कचरे को अस्पताल के गेट पर डंप किया जा रहा है। हालांकि इन कचरे को व्यवस्थित रखने के लिए गेट के किराने में घेरा बनाया गया है, जिससे पूर्व में उस घेरे में रखा जाता था, जिससे कचरा फैलता नहीं था और हर दिन निगम द्वारा इसका उठाव किया जाता था, जिससे समस्या नहीं होती थी, लेकिन अब विगत कुछ दिनों से सफाई कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए कचरे को उक्त घेरे में डालकर गेट पर ही डंप कर रहे हैं। जिससे अस्पताल में आने व जाने के दौरान लोगों को कचरे में घुसकर जाना पड़ता है। वहीं मरीज के परिजनों का कहना है कि इसमें वार्ड से निकलने वाले कचरे भी है, ऐसे में आते-जाते पैर में लगने का भी डर है। जिससे मरीज की उपचार कराते-कराते कहीं खुद को भी उपचार न कराना पड़ जाए।
अस्पताल में सुबह-शाम सफाई होती है, जिससे वार्ड सहित परिसर से निकलने वाले कचरे को सफाई कर्मी निर्धारित जगह में न डालकर गेट पर ही डंप कर रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि जिस जगह में कचरा डंप करना है उसके गेट तक पहले से ही कचरा था, ऐसे में कचरे में घुसने की डर से बाहर ही डाल देते हैं, जिससे फैलते जा रहा है। ऐसे में खुद को बचाने के चक्कर में परिजनेां की मुसीबत बढ़ा रहे हैं।
वहीं से भरते हैं पीने का पानी
अस्पताल के गेट पर ही केलो नीर का प्लांट है, साथ ही एक टंकी भी है, जिससे मरीज के परिजन पूरे दिन वहां बर्तन साफ करने के साथ-साथ पीने का पानी भी भरते हैं। जिससे उनके साथ बच्चे भी पहुंचते हैं। ऐसे में इनका कहना है कि बच्चे कचरे तक चले जाते हैं, जिससे उनके पैर में चोट लगने का खतरा बना हुआ है।