रायगढ़। एक तरफ तो सरकार ने शराब के विक्रय को वर्दी धारी के अधीन कर दिया है वहीं दूसरी तरफ प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से सेल्समेन और सुपरवाइजर की नियुक्ति कर एक बड़े ही खेल को अंजाम दिया जा रहा है, प्रथम तो इन सेल्समैन और सुपरवाइजर की नियुक्ति ही संदेह के दायरे में है, और इन नियुक्त कर्मियों की बात करें तो इनकी कार्य प्रणाली भी कम संदेहास्पद नहीं है इनके द्वारा वही कार्य कराए जाते हैं,जो पूर्व में इनके द्वारा निर्धारित होते हैं,पूरी शासकीय शराब की दुकान उनके हवाले छोड़ दी जाती है।
फिर वहीं से शुरू होता है, एक बड़ा खेल कभी बिक्री की गई शासकीय रकम का खेल तो कभी प्रिंट रेट से अधिक मूल्य पर कोच्चियों के माध्यम से शराब की बिक्री का खुलेआम खेल और सरपरस्त होते हैं, इनके वृत्त अधिकारी, आला अधिकारी, और वरिष्ठ अधिकारी जो उच्च पदों पर बैठे रहते हैं,और मूकदर्शक बने चुपचाप इस खेल को अंजाम होते देखते रहते हैं, या फिर इनकी मौन सहमति इन्हें होती है,प्लेसमेंट एजेंसी की विशेष भागीदारी भी इसमें अहम रोल निभाती है, फिलहाल छत्तीसगढ़ में सुमित एजेंसी, प्राइम वन एजेंसी और ईगल हंटर एजेंसी कार्यरत है, रायगढ़ जिले में ईगल हंटर एजेंसी का बोलबाला है उसके द्वारा नियुक्त सेल्समेन सुपरवाइजर और मल्टी इस कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
छाल की शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान का तो घोटाले से पुराना नाता है, वहां पर 10 रूपये प्रतिपाव की दर से अधिक राशि की वसूली की शिकायत भी कई बार आला अधिकारियों से की जा चुकी है, परंतु वे कार्रवाई कभी नहीं करते हैं, पूरे क्षेत्र में 10 रूपये प्रति पाव अधिक देकर खुलेआम ढाबों दुकानों और ठेलों में शराब का विक्रय धड़ल्ले से किया जा रहा है,और वह भी मनमानी कीमतों में इस क्षेत्र की जनता इसे खरीदने के लिए मजबूर है इस शासकीय दुकान से प्रतिदिन 5 से 6 कोच्चियों को चार पेटी प्रत्येक के हिसाब से 10 रूपये प्रतिपाव अलग से लेकर दी जाती है यानी 20 से 25 पेटी शराब प्रतिदिन इसी तरह विक्रय किया जाता है, और उससे 25 गुना 50 =1250’ 10=12500 की प्रतिदिन काली कमाई इन सेल्समैनों के माध्यम से और अधिकारियों की मिली भगत से की जाती है।
जिले में कुल 48 शराब दुकान
जिला कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अविभाजित रायगढ़ जिले में कुल 48 शराब की दुकान आबकारी विभाग द्वारा संचालित की जा रही थी सारंगढ़ जिला बनने के बाद अब 36 दुकान शेष बची हैं जिसमें 17 देसी शराब की दुकानें हैं और 19 विदेशी शराब की दुकान इनके द्वारा संचालित की जा रही इस प्रकार 48 गुना ’12500=6 लाख रुपए प्रतिदिन तथा डेढ करोड रूपये से अधिक प्रतिमाह की काली कमाई इनके द्वारा की जा रही है।
जवाब में टाल मटोल
वृत्त प्रभारी आबकारी विभाग खरसिया संतोष नारंग से जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात को टालमटोल करने की भरपूर कोशिश की और फिर बाद में धरमजयगढ़ से वापस बस में आ रहा हूं कहा तथा मुझे इस विषय में वर्जन देने का अधिकार नहीं है कह कर बात को काट दिया वहीं जिला मुख्यालय आबकारी विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश करने पर वे फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझते हैं।
क्या कहते हैं जिला आबकारी अधिकारी
इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी रामकृष्ण मिश्रा सहायक आयुक्त आबकारी विभाग रायगढ़ से चर्चा करने पर उनका कहना था कि पूर्व में भी छाल क्षेत्र की शिकायत पिछले 2 महीने में आई है हमने उसे पर कार्यवाही करते हुए वहां कार्यरत कर्मचारियों को वहां से हटाया है अभी वर्तमान में जो कर्मचारी कार्यरत है उसे इसी माह वहां पर नियुक्त किया गया है वृत्त अधिकारी पर कार्रवाई के बारे में में उन्होंने बताया की जिला मुख्यालय में स्टाफ की कमी है पर हम कार्रवाई जरूर करेंगे।