पखांजुर। छत्तीसगढ़ मातृभाषा बांग्ला एवं शिक्षा संग्राम समिति ने विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर बांग्ला भाषा में शिक्षा और शिक्षकों कि रिक्त पदों पर नियुक्ति के मांग पर पखांजुर नेताजी सुभषचंद्र बोस स्टेडियम में एक दिवसीय धर्ना दी रैली कर राज्यपाल,मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री मुख्यसचिव,कलेक्टर आदि के नाम पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.)कि अनुपस्थिति में लेखापाल और खण्ड शिक्षा अधिकारी पखांजुर के हाथों समिति ने ज्ञापन सौपा।धर्ना मंच पर सभा संबोधन देते हुए समिति अध्यक्ष अजित मिस्त्री ,कोषाध्यक्ष ऋषिकेश मजूमदार, कार्यकारिणी सदस्य मिहिर मण्डल, अनिमेष विश्वास, प्रफुल्ल मण्डल आदि ने कहां है कि बांग्ला भाषा की मिठास को गहराई से समझते हुए दुनिया के लोगो ने बांग्ला भाषा से आकर्षित होते हैं और अपनी मातृभाषा की महत्व समझने के लिए प्रयासरत हैं। मातृभाषा बंगाल कि मांग पर आन्दोलन ही अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कि मार्गदर्शक,पथ प्रदर्शक, भाषा आन्दोलन कि प्राण प्रणेता है।
जो दुनियाभर कि प्रत्येक भाषा भाषी अपनी- अपनी मातृभाषा की रक्षा और अधिकार के लिये अटल है । छत्तीसगढ़ राज्य के बांग्ला भाषा-भाषीयों में मातृभाषा बंग्ला भाषा में स्कूली शिक्षा और शिक्षकों कि नियुक्ति का मांग वर्षों कि होने के कारण बहुत अधिक आक्रोशित है। मातृभाषा में शिक्षा हेतु मुस्कुराते हुए पुन: प्राणों कि कुर्बानी दिने का संकल्प ले रहे हैं। समिति ने शासन-प्रशासन से मांग किये है कि .पहली, दुसरी कक्षा से तिसरी चौथी पांचवीं एवं अन्य समस्त कक्षाओं में बंग्लाभाषा की पाठ्यक्रम,पाठ्य पुस्तक,राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम कि प्रकाशन में मुद्रित कर प्रकाशित तथा बंगला भाषा में शिक्षकों कि समस्त कक्षाओं कि रिक्त पदों में शिक्षा वर्ष 2024-2025 स्कूल प्रारंभ से पहले उनकी नियुक्त कर लिए जाए।.मातृभाषा बांग्ला भाषा एवं स्थानीय बोली भाषा की शिक्षकों कि नियुक्त किया जाए। तथा मातृभाषा बांग्ला में 134 शिक्षकों ने महिनों सेवा प्रदान कि उन्हें मातृभाषा बांग्ला शिक्षकों भर्ती की पात्रता में बोनस अंक व अग्राधिकार दिया जाए।. हिन्दी और बांग्लाभाषा पुस्तक को एक साथ जोडऩे के बजाए बांग्लाभाषा की मुद्रन हिन्दी -बांग्ला अलग-अलग पुस्तकों के रुप में मुद्रित करें एवं अलग-अलग बाइंडिंग किये जाए।. महाराष्ट्र की विश्वविद्यालय के तर्ज पर छत्तीसगढ़ की विश्वविद्यालय में भी बांग्लाभाषा में स्नातक स्तर की शिक्षा प्रदाय करने की व्यावस्था किया जाए एवं बंग्ला भाषा बोर्ड गठन किये जाए। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के तर्ज पर मातृभाषा में शिक्षा कि आधुनिक एवं तार्किक उन्नत भाषा हेतु भाषा विशेषज्ञ कि शिक्षा मण्डल गठण किया जाए एवं भाषा मण्डल में भाषाविद् के साथ बांग्ला भाषाविदों को शामिल किये जाय। शिक्षा प्रणाली में पास फेल की प्रणाली व्यवस्था पुन: लागू किया जाए। मातृभाषा एवं बांग्लाभाषा में पढ़ाने के लिए 1989 के पश्चात बांगला भाषा की खाली परें समस्त स्कूलों में बांगला भाषा की शिक्षकों कि नियुक्त तत्काल किया जाए।.
विश्व मातृभाषा दिवस को बांग्ला भाषा में शिक्षा और शिक्षकों की रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग
