धरमजयगढ़। अक्सर विवादों में घिरा भारतमाला प्रोजेक्ट कहीं किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है,तो कहीं गलत तरीके से मुआवजा प्रदाय की जा रही, तो कहीं बिना परमिट के काम शुरू कर दिए हैं। और यहां तक कि,भारत माला परियोजना के तहत दिए गए चेक किसानों द्वारा बैंक में जमा किए लेकिन आज तक राशि खाते में परिवर्तित नहीं हो सका है। इससे आक्रोशित क्षेत्र के किसानों ने भारत माला प्रोजेक्ट का सडक़ निर्माण कार्य रूकवा दिया है।
ताजा मामला रायगढ़ जिले धरमजयगढ विकासखण्ड का है, जहां भारतमाला परियोजना सडक़ निर्माण कार्य का चालू लेकिन मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिला। वहीं आज क्षेत्र के बाकारुमा के किसानों द्वारा काम रोक लगाया गया। और वहीं भारत माला परियोजना के विरुद्ध किसानों में भारी आक्रोश में देखी जा रही है। बाकारूमा क्षेत्र के ग्रामीणों किसानों का कहना है कि,भारत माला परियोजना सडक़ निर्माण में पेड़ काटने का उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है, आज समय में किसानों को प्रमाण दिखाने बोला गया और पेड़ काट लिया गया। और वहीं आज जमीन का काम चालू किया गया था, जिसे बाकारुमा के आक्रोशित किसानों द्वारा काम को रोकवा दिया गया है।
किसानों का साफ कहना है, कि जब तक किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिल जाए तब तक काम करने नहीं देंगे। बता दें,किसानों के जानकारी के अनुसार जिनका जमीन जा रहा है, उन्हें मुआवजा राशि नहीं मिल पा रहा है। किसानों का ये भी कहना है, कि पटवारी के द्वारा भी कई गलत तरीका का जमीन घुसाया गया है, और उसका मुआवजा राशि मिल गया है और किसान अपने जमीन का मुआवजा के लिए आफिस कई बार जा चुके लेकिन अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है। आखिर मुआवजा राशि डाला गया तो किसके खाते में डाला गया। और वहीं कुछ किसानों कहना है कि,उनको मुआवजा राशि चेक मिला है, जिसमें किसान मंगलाई देवनाथ, सुबेचंद, चमरेन, कुम्हारदास, महेतरिन शामिल हैं, लेकिन विडंबना तो यह है, कि मुआवजा राशि चेक के माध्यम से 21 सितंबर 2023 को मिला, और किसानों द्वारा बैंक में जमा भी किया, लेकिन आज तक उनके बैंक खाते में राशि जमा नहीं हुआ। और आज भारत माला के रवैए से परेशान किसानों ने काम पर रोक लगा दी है।