रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार नई औद्योगिक नीति लाने की तैयारी में है। उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि, कृषि उद्यानिकी और वनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। इससे प्रदेश के किसानों और आदिवासी अंचल में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिल सकेगा। दिल्ली में आयोजित वार्षिक ग्लोबल समिट में मंत्री देवांगन ने कहा कि, देश के किसानों को यदि हम आत्मनिर्भर बनाएंगे तो हमको कृषि पर आधारित उद्योगों पर फोकस करना होगा। छत्तीसगढ़ राज्य एक कृषि आधारित प्रदेश है। इसीलिए इसे धान का कटोरा कहते हैं। इंडियन चैम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स की ओर से डॉ अंबेडकर ऑडिटोरियम में हुई समिट में मंत्री देवांगन ने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य 44 प्रतिशत वनों से पूर्ण है। निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए कृषि और वन की प्रमुखता से भागीदारी रहेगी।मंत्री देवांगन ने कहा कि, इससे प्रदेश के कृषि उत्पादन का मूल्य संवर्धन मे वृद्धि हो सकेगी। समिट में इस दौरान देश भर से आए बिजनेसमैन भी मौजूद थे। इस ग्लोबल समिट ग्रामीण की अगुवाई इकोनॉमिक फोरम और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय ने की।
निवेश करने वाले औद्योगिक समूह को मिलेगी सुविधाएं
उन्होंने कहा, राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति नवंबर-2024 तक जारी कर दी जाएगी। पूर्ववर्ती सरकार में उद्योगों की स्थापना, निवेश को लेकर जो समस्याएं आई थीं, उसे दूर करेंगे। पिछली सरकार में जिन औद्योगिक समूह ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई थी, उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस दौरान केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने कहा कि, आने वाला समय डेवलपमेंट का है। इसे ध्यान में रखकर नीति बनानी होगी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से नगर निगम के पार्षद नरेंद्र देवांगन, महाप्रबंधक सीएसआईडीसी नरेंद्र पाटनवार भी मौजूद रहे।
भाजपा सरकार बना रही अलग उद्योग नीति
कांग्रेस सरकार के मुकाबले भाजपा सरकार उद्योगों को आकर्षित करने के लिए नई औद्योगिक नीति पर काम कर रही है। उद्योग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नई औद्योगिक नीति में पिछली समस्याओं को दूर करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति नवंबर तक
पिछली सरकार में आई समस्याएं दूर करेंगे : उद्योग मंत्री देवांगन
