रायगढ़। अन्तराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ प्रदेशाध्यक्ष छत्तीसगढ़ पंडित प्रवीण कुमार दाश को वर्तमान में ओडि़शा अन्तराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ को काया कल्प विस्तार के लिए प्रभार दिया गया है।साथ ही उनको छत्तीसगढ़ राज्य के सभी ब्राह्मण संघों को एक करने का दायित्व मिला है। उन्होंने बताया कि 22 जिला में अन्तराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ फैला हुआ है छत्तीसगढ़ में,22 जिलाध्यक्ष तथा 46 प्रदेश पदाधिकारी अन्तराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ को विशाल रूप देने का प्रयास में लगे हुए हैं। जिसका काम विगत 1 जनवरी 2024 से शुरुवात हुई है व वॉट्सेप कम्युनिटी आधार से किया जा रहा है। जिसमें1645 पंडित 20 समूह की उपस्थिति 5 दिनों में हुआ है। उसके बाद यदि छत्तीसगढ़ के सभी ब्राह्मण संघ एक मत से एक होने पर राजी हुए तो एक बैठक रायपुर में आयोजित कराकर निर्णय आगे बढ़ाया जाएगा। सभी संघ प्रमुख का मन नही होगा तो फिर आगे विचार स्थगित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी संघ को इसलिए एक करने की जरूरत पड़ी है कि उच्च, निम्न का भेद ब्राह्मणों में न रहे। इस अंतर को समूल नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एकता में ताकत है।उच्च सभी समाज को अपने-अपने समाज को एक करने में ध्यान केंद्रित करना चाहिए।जिससे भारत और मजबूत होगा।क्योंकि अंग्रेज समय से प्रहार समाज को किया जाता रहा।जिसे भारत के सामाजिक संगठन आज तक नहीं समझ एक दूसरे के विरोध भाव से मन मुटाव रहा।अंग्रेज यह भाव समाज मे छोडक़र गए तो पहले भारत मे 1250 संघों में बंटे ब्राह्मणों को एकत्र ‘एक भारत एक ब्राह्मण’ किया जाएगा।इस नारा की शुरुआत पंडित प्रवीण ने किया है। उनके अनुसार उसके बाद भारत भर के सभी समाज के संगठन को एक मंच में लाकर मन मुटाव दूर कर अपने अपने समाज का विकास में कार्य करना है।वहीं पंडित प्रवीण द्वारा भारत में प्रथम प्रयास पंडित प्रवीण के प्रतिनिधित्व में अन्तराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ में ब्राह्मण छात्रवृत्ति योजना था। ब्राह्मण संतानों को 11 पंडित आगे आए छात्रवृत्ति योजना में 21 ब्राह्ममण छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का शुरुवात किया। ताकि उनके मन मे हमें नही मिल रहा छात्रवृत्ति की कुंठा न हो। इस भाव को बालक बालिका के मन न रहे इसे इस वर्ष 2024को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के 22 जिले में लागू किये जाने पर विचार है।इस प्रकार पंडित प्रवीण अनुसार हर जिले में ब्राह्मण बालिकाओं के लिए शासन प्रयास करना चाहिए बालिका हॉस्टल के लिए, ब्राह्मण बालिकाओं को छोड़ सभी बालिकाओं के रहने के लिए हॉस्टल है,हर जिले में।यदि सरकार के द्वारा उक्त हॉस्टल बनाने में बाधा आती तो उसे ब्राह्मण सामाजिक संगठन मिलकर बनाना चाहिए। कम से कम हर जिले में जिससे बेटियां शिक्षा से वंचित न हों।