रायपुर। छत्तीसगढ़ के राम भक्तों के लिए श्री रामलला दर्शन योजना के तहत दूसरी ट्रेन रवाना हो गई है। रायपुर के प्लेटफॉर्म नंबर- 7 से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। इससे पहले 7 फरवरी को पहली ट्रेन दुर्ग से गई थी। रेलवे ने सफर के दौरान यात्रियों के लिए तकिया, चादर, कंबल के साथ चाय-नाश्ते और खाने का भी इंतजाम रखा है। राम भक्तों के इस जत्थे में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को शामिल किया गया है।
कोच में भक्तों के लिए सभी सुविधाएं
स्लीपर कोच में तकिया, कंबल, चादर के साथ चाय-पानी और नाश्ते की व्यवस्था की गई है। पहली ट्रेन को रवाना करते हुए लोगों में काफी खुशी का माहौल देखने को मिला था। पूरा रेलवे स्टेशन जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा था। यहां सिर्फ भक्त ही नहीं पूरा रेलवे स्टाफ काफी उत्साहित नजर आया।
विश्वनाथ बाबा और गंगा आरती के भी होंगे दर्शन
कैबिनेट की बैठक में तय किया गया है कि यात्रा अयोध्या धाम तक ही होगी। हालांकि इसके साथ ही वाराणसी में एक दिन का रात्रि विश्राम होगा। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर, कॉरिडोर और गंगा आरती का दर्शन लाभ भी यात्रियों को मिल सकेगा।
कैसे करना होगा आवेदन
योजना के लिए छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी ग्राम पंचायत या नगर पंचायत में आवेदन करना होगा। आवेदन पत्रों की जांच के बाद, पात्र श्रद्धालुओं को टिकट और यात्रा की सुविधा जी जाएगी। प्रथम चरण में 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को यह सुविधा दी जाएगी।
दर्शन के लिए ये हैं शर्तें
छ.ग. राज्य का मूल निवासी होना जरूरी, 18 से 75 आयु वर्ग के लोग जो जिला मेडिकल बोर्ड के स्वास्थ्य परीक्षण में सक्षम पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की पात्रता होगी। दिव्यांगजन के लिए यथा संभव उनके परिवार से कोई एक सदस्य साथ में रहेंगे। प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगों को भी यह सुविधा दी जाएगी। इसके लिए हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति बनाई जाएगी। समिति अनुपातिक कोटा के अनुसार हितग्राहियों का चयन करेगी। यात्रा की दूरी करीब 900 किलोमीटर होगी। इसके लिए भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन (ढ्ढक्रष्टञ्जष्ट) के साथ छत्तीसगढ़ मंडल का रूश है। ढ्ढक्रष्टञ्जष्ट ही यात्रा के दौरान सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलों के दर्शन, स्थानीय परिवहन और एस्कॉर्ट की व्यवस्था करेगा। हितग्राहियों को उनके निवास से निर्धारित रेलवे स्टेशन तक लाने और वापस ले जाने की व्यवस्था संबंधित जिला कलेक्टर करेंगे। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध कराया गया है। हर जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम शासकीय अधिकारी या एक छोटा दल भेजा जाएगा। यात्री दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर से ट्रेन के जरिए रवाना किए जाएंगे।