भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में महतारी वंदन योजना के नाम पर महिलाओं से अवैध वसूली हो रही है। हर चीज के लिए रेट तय कर दिया गया है।
इस वसूली में आंगनबाड़ी से लेकर एमआईसी सदस्य तक शामिल हैं। एमआइ्रसी सदस्य साइन करने के भी रुपए ले रहे हैं। दैनिक भास्कर के स्टिंग में पता चला है कि फॉर्म के बदले 100 रुपए, मैरिज सर्टिफिकेट के लिए 20 रुपए और जिनको फॉर्म भरना नहीं आता, उनसे भी वसूली हो रही है। खास बात यह है कि आवेदन जमा करने के लिए आंगनबाड़ी और निगम की ही ड्यूटी लगाई गई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लिए 100-100 रुपए
पैसा लेने का मामला पहला भिलाई पावर हाउस क्षेत्र का है। यहां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं से महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरने के बदले 100 रुपए ले रही थी। जब इसकी जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को हुई, तो उन्होंने हंगामा कर दिया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त
मामला बढऩे पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने महिलाओं को पैसे वापस कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद निगम आयुक्त और कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर दिया गया है।
एमआईसी मेंबर 20 रुपए लेकर कर रही साइन
दूसरा मामला रिसाली नगर निगम का है। यहां की कांग्रेस पार्षद और रूढ्ढष्ट मेंबर महिलाओं के विवाह प्रमाण पत्र में साइन करने के लिए 20-20 रुपए ले रही है। जबकि यह कार्य पार्षद को निशुल्क करना है। पैसे लेने का वीडियो वायरल होने के बावजूद अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ये वहीं पार्षद है, जिसने कांग्रेस शासन काल में दबंगई दिखाते हुए सार्वजनिक रास्ते को घेरकर अपने घर की दीवार खड़ी कर दी थी।
योजना पूरी तरह नि:शुल्क
पैसे लिए जाने की बात पर जब भिलाई नगर निगम के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव से बात की, तो उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। ये पूरी तरह से निशुल्क है। इसका आवेदन हर महिला को करना है। आवेदन करने के लिए फॉर्म और प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है। किसी को एक रुपए भी नहीं देना है। यदि कोई पैसों की मांग करता है, तो उसकी शिकायत जोन आयुक्त से की जा सकती है।
अब तक जमा हुए 2.5 लाख आवेदन
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत अब तक ढाई लाख आवेदन जमा हो चुके हैं। आवेदन और दस्तावेज सत्यापन का कार्य जारी है। दस्तावेज सत्यापन का कार्य सेक्टर सुपरवाइजर को सौंपा गया है। ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि जिले में योजना का सुचारू संचालन नगरीय निकाय, जनपद पंचायत और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से होना है। नगरीय निकायों और जनपद पंचायतों में प्राप्त आवेदनों का ऑनलाइन एंट्री समय पर सुनिश्चित किया जाए।