रायगढ़. जिले के मातृ-शिशु अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते यहां आने वाली गर्भवती माताओं की तबीयत बिगडऩे पर सयम से उपचार नहीं मिलने के कारण मौत हो जाती है। ऐसे ही एक महिला बच्चे के जन्म देने के बाद तबीयत गंभीर होने पर उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाहारा करते तक मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ साल पहले जिले के गर्भवती माताओं व शिशु के लिए एक 100 बेड का मातृ-शिशु अस्पताल शुरू किया गया, जिसमें विभाग द्वारा यह दावा किया गया था कि इस अस्पताल में शिशु व शिशुवती माताओं के उपचार के लिए भरपुर सुविधाओं से लैस होगा, लेकिन कई साल बित जाने के बाद भी इस अस्पताल में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। जिसका खामियाजा यहां उपचार कराने आने वाले मरीज व परिजनों को भुगतना पड़ता है। साथ ही सुविधा के अभाव होने से कई बार मरीजों के जान पर भी बन आती है, जिससे कुछ मरीजों की जान बच जाती है तो कुछ मरीज दम तोड़ देते हैं। जिससे पैदा होते जी बच्चों के सिर मां का साया उठ जाता है। हालांकि इसकी जानकारी जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन इसके बाद भी सुविधाओं का विस्तार न होना लोगों के समझ से परे है। विगत दिनों जिला अस्पताल भवन से मेडिकल कालेज अस्पताल अपने नए बिल्डिंग में शिफ्ट होने के बाद स्वाथ्य विभाग द्वारा गायनिक विभाग व पिडियाट्रिक्स विभाग को पूरी तरह से एमसीएच में शिफ्ट कर दिया, ताकि इस अस्पताल में आने वाले मरीजों का बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते समस्याएं बरकरार है। जिससे प्रसुताओं की मौत हो जाती है।
संसाधन की कमी सेे गई जान
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सक्ती जिला के खुजरानी-जैजैपुर निवासी मुकेश सांडेल की एक साल पहले ऋुति सांडेल (24 वर्ष) की शादी हुई थी, जिससे गर्भवती होने पर उसका स्थानीय स्तर पर उपचार चल रहा था। ऐसे में विगत 9 फरवरी को लेबर पेन होने पर मुकेश ने उसे बेहतर उपचार के लालसा में रायगढ़ मातृ-शिशु केयर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों द्वारा नार्मल डिलिवरी का प्रयास किए लेकिन 10 फरवरी तक बच्चा नहीं हुआ तो सीजर से एक बच्चा हुआ, जिससे जच्च-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। ऐसे में 12 फरवरी को उसको डिस्चार्ज होना था, लेकिन 11 फरवरी की रात करीब 11.30 बजे अचानक ऋुति की तबीयत बिगडऩे लगी, जिससे विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा उसका उपचार शुरू किया गया, लेकिन संसाधान की कमी के चलते जब उसकी स्थिति बिगडऩे लगी तो मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां जाते-जाते इसकी मौत हो गई। जिससे चक्रधरनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया है।
एमसीएच में सुविधाओं का टोटा : फिर हुई एक प्रसुता की मौत
बगैर आईसीएयू के संचालित हो रहा गायनिक विभाग, तबीयत बिगडऩे पर कर रहे रेफर
