नई दिल्ली। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक महज साढ़े पांच महीने प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान वे संसद नहीं जा पाए। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक महज साढ़े पांच महीने प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान वे संसद नहीं जा पाए। केंद्र सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों शख्सियतों को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की जानकारी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों के साथ शेयर की।
चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें और नरसिम्हा राव नौवें प्रधानमंत्री थे। वहीं कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। पीएम की घोषणा पर चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी ने लिखा- दिल जीत लिया। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह दसवां भारत रत्न है। इससे पहले 3 फरवरी को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। इस तरह इस साल 5 हस्तियों को यह सम्मान देने का ऐलान हो चुका है।
इनके अलावा मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। आज की तीन हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को हासिल करने वालों में अब तक कुल 53 लोग शामिल हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा- हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
चौधरी चरण सिंह
पीएम मोदी ने लिखा- प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।
पीवी नरसिम्हा राव
पीएम मोदी ने लिखा- यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था। इनके अलावा कर्पूरी ठाकुर, लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को अभी भारत रत्न देने की जानकारी दी गई है। इनके अलावा कर्पूरी ठाकुर, लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को अभी भारत रत्न देने की जानकारी दी गई है।
डॉ. एमएस स्वामीनाथन
भारत रत्न मिलने पर किसने क्या कहा
जयंत चौधरी- मजा आ गया! बहुत बड़ा दिन है, मेरे लिए भावुक पल है, यादगार है। मैं राष्ट्रपति जी, केंद्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद देता हूं। बहुत बड़ा संदेश पूरे देश में गया है। देश की भावनाएं सरकार के इस फैसले से जुड़ी हुई हैं। पीएम मोदी ने साबित किया है कि वे देश की भावनाओं और चरित्र को बखूबी समझते हैं। एनडीए में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- मैं किस मुंह से इनकार करूं। क्या अब कोई कसर बाकी है? मोदी जी ने दिल जीत लिया। नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष पीएम मोदी ने पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जबकि वे कांग्रेस पार्टी से थे। 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार जब सत्ता में थी, तब उन्हें भारत रत्न तो दूर, कोई पुरस्कार भी नहीं दिया गया। कांग्रेस पार्टी की विफलताओं के लिए नरसिम्हा राव को बलि का बकरा बनाने में गांधी परिवार की बहुत बड़ी भूमिका थी। सुभाष अभी भाजपा में हैं। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन- मुझे यकीन है कि अगर यह खबर मेरे पिता के रहते आती तो उन्हें भी खुशी होती। उन्होंने कभी सम्मान के लिए काम नहीं किया। उन्होंने जमीन पर जो किया, उसके परिणामों से उन्हें अधिक प्रेरणा मिली। सौम्या डब्ल्यूएचओ की पूर्व चीफ साइंटिस्ट और डीजी रह चुकी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह : हम बराबर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ही इस प्रकार के फैसले लेते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव: चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न की मांग समाजवादी पार्टी ने थी। गृह मंत्री अमित शाह: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा से अत्यंत प्रसन्नता हुई।
बाला साहेब ठाकरे और कांशीराम को भी भारत रत्न देने की मांग
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने भी दिवंगत बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न देने की मांग की है। ठाकरे ने कहा- केंद्र सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देकर राजनीतिक उदारता दिखाई है। बाला साहेब ठाकरे को भी भारत रत्न घोषित किया जाना चाहिए। देश के एक प्रमुख कार्टूनिस्ट और देशभर के समस्त हिंदुओं की अस्मिता को जागृत करने वाले अद्वितीय नेता इस सम्मान के पात्र हैं। खुद यह मेरे जैसे कई लोगों के लिए उत्साह का क्षण होगा जिन्हें बालासाहेब के विचार विरासत में मिले हैं। शिवसेना (यूटीबी) के सांसद संजय राउत ने भी बाल ठाकरे को भारत रत्न देने की मांग की है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक रहे दिवंगत कांशीराम को भी भारत रत्न देने की मांग की गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- भाजपा सरकार द्वारा जिन भी हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, उसका स्वागत है। लेकिन दलित और उपेक्षितों के मसीहा कांशीराम का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं। इसलिए उन्हें भी भारत रत्न दिया जाए।