धरमजयगढ़। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र के एक बड़े मामले में वन विभाग के आला अधिकारी न केवल सीधे तौर पर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं बल्कि संबंधित कंपनी को फौरी राहत देने जैसा काम भी कर रहे हैं। आश्चर्यजनक है कि वन विभाग के डीएफओ वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की एक मामले की जांच के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत बता रहे हैं। एक प्रोजेक्ट में प्रभावित राजस्व वन भूमि पर वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की जांच के लिए वन विभाग के आला अधिकारी द्वारा स्वयं को असमर्थ बताना अधिकारी की भूमिका पर कई सवाल खड़े करता है। उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट के लिए डीजीपीएस सर्वे रिपोर्ट पिछले साल किया गया है जिसे स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया गया है।
बता दें कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र के भालू पखना गांव में सिकंदराबाद की धनवादा पावर एन्ड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के द्वारा लघु जल विद्युत परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट में अन्य गांवों की वन भूमि व भालुपखना गांव के सरकारी राजस्व वन भूमि का कुछ हिस्सा भी प्रभावित हो रहा है।धनवादा कंपनी द्वारा भालुपखना ग्राम के प्रभावित सभी जमीनों पर पेड़ों की कटाई बीते साल ही कर ली गई है और वर्तमान समय में अन्य सिविल कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जबकि प्रोजेक्ट में प्रभावित वन भूमि के व्यपवर्तन हेतु वन मंजूरी की प्रक्रिया लंबित है।
इस मामले पर वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की जांच के संबंध में धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत से करीब दो महीने पहले पत्राचार किया गया। वहीं, हाल ही में फोन से संपर्क किए जाने पर मामले के बारे में डीएफओ अभिषेक जोगावत ने कहा कि विभाग द्वारा दो बार जांच कराई गई है लेकिन किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पायी गई। इस प्रोजेक्ट में भालुपखना गांव के सरकारी राजस्व वन भूमि के प्रभावित होने की बात पर डीएफओ ने इस प्रकरण की जांच के लिए एसडीएम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राजस्व वन भूमि पर बिना अनुमति के कार्य कराए जाने की जांच के लिए एसडीएम को अधिकृत बताते हुए इस मामले को एसडीएम के संज्ञान में लाने का सुझाव दिया। डीएफओ जोगावत ने खुद के द्वारा जांच कराए जाने से साफ इंकार करते हुए कहा कि एसडीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद ही वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन पर कोई कार्रवाई की जा सकती है।
डीएफओ ने वन अधिनियम के उल्लंघन की जांच करने से किया इंकार
राजस्व अधिकारी को बताया जिम्मेदार
