रायगढ़। डाक विभाग की लापरवाही से शिक्षित बेरोजगार युवक कृषि विज्ञान केन्द्र में नौकरी से वंचित हो जाने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अधीक्षक मुख्य डाक घर रायगढ़ को 12 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि 08 सितंबर 2021 को इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय केन्द्र रायगढ़ द्वारा वाहन चालक एवं भृत्य संविदा के रिक्त पदों के लिये 07 अक्टूबर अंतिम तिथि का विज्ञापन जारी किया गया था। 23 सितंबर को वाहन चालक संविदा के पद हेतु आवेदक राजेश कुमार स्वर्णकार उम्र 33 वर्ष निवासी पंजरी प्लांट द्वारा आवेदन अनावेदक मुख्य डाक घर रायगढ़ के माध्यम से स्पीड पोस्ट के द्वारा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़ को प्रेषित किया गया था। इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़ द्वारा पात्र, अपात्र के संबंध मे जारी सूची में नाम न होनें से संपर्क करने पर बताया गया कि राजेश कुमार स्वर्णकार द्वारा भेजा गया आवेदन निर्धारित तिथि तक प्राप्त नही हुआ है। इस मामले में अधीक्षक मुख्य डाक घर से बार-बार जानकारी चाही गई परंतु कोई जानकारी नही दी गई। इसके बाद 22 अक्टूबर एवं 01 नवंबर को लिखित आवेदन देकर जानकारी चाही गई। लेकिन इसके बावजूद डाक घर अधीक्षक द्वारा कोई लिखित जानकारी उपलब्ध नही कराया गया। जबकि आवेदक के द्वारा मुख्य डाक घर के माध्यम से सही पते पर आवेदन प्रेषित किया गया था। किंतु इस मामले में अधीक्षक डाक घर की लापरवाही के कारण राजेश कुमार स्वर्णकार उक्त पद से नियुक्ति से वंचित रह गया।
बाद में इस मामले में आवेदक राजेश कुमार स्वर्णकार द्वारा अपने अधीवक्ता अभिजीत मल्लिक के माध्यम से उपभोक्ता फोरम रायगढ़ में वाद प्रस्तुत किया गया। जिसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत तीन लाख रूपये मानसिक क्षति, 15 हजार रूपये आर्थिक क्षति तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रूपये क्षति पूर्ति की मांग की गई।
प्रकरण में फोरम के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल व सदस्य राजेन्द्र पाण्डेय एवं श्रीमती राजश्री अग्रवाल ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के पश्चात पाया कि शहर के पंजरी प्लांट का रहने वाला बेरोजगार युवक राजेश कुमार स्वर्णकार पिता शोभाराम स्वर्णकार 33 साल निवासी के द्वारा संविदा वाहन चालक हेतु आवेदन प्रेषित किया गया था। उक्त पद हेतु उसका चयन होता अथवा नही उसका अनुमान नही लगाया जा सकता। परंतु डाक अधीक्षक के कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई है। जिससे राजेश कुमार नौकरी से वंचित रह गया। इसके लिये अधीक्षक डाक घर उत्तदायी है। जिससे अधीक्षक डाक घर के इस तरह के लापरवाही कार्य से राजेश कुमार को आर्थिक एवं मानसिक क्षति का सामना करना पड़ा है। इस स्थिति में फोरम ने अपना फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत आवेदक को अधीक्षक डाक घर से आर्थिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रूपये तथा वाद व्यय 2 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है।
डाक विभाग की लापरवाही से नहीं मिली नौकरी
अब देना होगा 12 हजार हर्जाना, स्पीड पोस्ट से भेजा था कृषि विज्ञान केन्द्र में नौकरी का आवेदन, उपभोक्ता फोरम रायगढ़ का फैसला
