रायगढ़। खरसिया में हाल ही में हुई एक घटना ने समाज को आश्चर्यचकित कर दिया है, जहां स्थानीय नेता अमर अग्रवाल पर ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ अनैतिक व्यवहार का आरोप है। घटना के बाद पुलिसकर्मी अपमान का घूंट पीकर रह गए और किसी प्रकार की कोई न्यायिक कार्रवाई भी नहीं की गई।
जानकारी के मुताबिक खरसिया के आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता अमर अग्रवाल और उनके साथी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों तहसीलदार न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए, मौके में नोटिस तामील एवं स्थगन तक काम रोकने की बात कहते हुए पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि न्यायालय ने इस निर्माण पर 24 जनवरी तक स्थगन लगाया है, लेकिन आज जब दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो अमर अग्रवाल और उनके साथी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जिसके बाद मोहल्लेवासियों ने इस जबरन निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार नागरिक सुरक्षा को कमजोर करता है। कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नेताओं की भी जिम्मेदारी है। यूँ पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान तू-ता करके बदसलूकी नहीं करनी चाहिए। यह घटना सामाजिक न्याय और नैतिकता की महत्वपूर्णता को प्रमोट करने का एक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जिसमें सभी नागरिकों को कानून व्यवस्था सुरक्षा का एहसास करना बहुत जरूरी है। इस मामले में न्यायिक कदमों की आवश्यकता है ताकि लोग विश्वास कर सकें कि कोई भी नेता सामाजिक सुरक्षा करने वाले पुलिसकर्मियों के साथ अनैतिक व्यवहार नहीं कर सकता। अब देखना यह है कि पुलिस कर्मियों के साथ हुई बदसलूकी पर क्या कानूनी कार्रवाई की जाती है या फिर रसूख के नीचे कानून गूंगी गुडिय़ा बन जाती है?