रायगढ़। प्रभु श्री राम के विषय में चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास ने कहा कि प्रभु श्री राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख आदर्श पुरुष हैं, जिनका चरित्र महाकाव्य रामायण में विस्तार से चित्रित है। उनके आदर्शों से समाज को कई महत्वपूर्ण सीखें मिलती हैं, जो हमें सांस्कृतिक और नैतिक रूप से समृद्धि की दिशा दिखाने का कार्य करती हैं।
श्री राम का आदर्श सच्चे धर्म का पालन करने में है। उन्होंने अपने जीवन में नैतिकता और धार्मिकता के मूल्यों का पालन किया तथा समाज को न्यायपूर्ण, ईमानदार और सात्विक समाज बनाने का संदेश दिया। एक राजा रूप में उन्होंने अपने प्रजा के प्रति करुणा और सेवा भावना का पालन किया। श्री राम ने विशेष रूप से परिवार के महत्व को मान्यता दी। उनकी पत्नी माता सीता के प्रति प्रेम और समर्पण, एक उत्कृष्ट दाम्पत्य जीवन का प्रतीक है। उन्होंने प्रजा को भी परिवार के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया और सांस्कृतिक समृद्धि में आर्थिक समृद्धि निहित होती इस बात से समाज को अवगत कराने का कार्य किया।
श्री राम का आदर्श सामंजस्य, समरसता, और समाज में समानता की भावना को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने अपने राजा बने होने के बावजूद एक सामान्य मानव की भावना से जुड़े रहने का सार्थक संदेश दिया। उनकी समरसता और विश्वासपूर्ण नेतृत्व ने समाज को एकता और समरसता की दिशा में प्रेरित किया है। श्री राम के आदर्शों में धार्मिक तत्वों के साथ-साथ शिक्षा, विज्ञान और साहित्य में भी रुचि रखने की बात की गई है। उनका जीवन हमें यह सीखता है कि शिक्षा और धरोहर से लब्ध ज्ञान समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण होता है। श्री राम के आदर्शों से समाज को सीखने को बहुत सारी बातें हैं। उनका आदर्श, ईमानदार और सच्चे मन से भरे हुए समाज का निर्माण करने की दिशा में हमें प्रेरित करता है। उनके आदर्शों का पालन करके हम समृद्धशाली, न्याय प्रिय और समरसता से भरपूर समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं।
उसके पश्चात् उन्होंने कहा कि भारत में बहुत प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को मंदिर में प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा भी होने जा रही है, जो पूरे भारत के लिए अविस्मरणीय क्षण होगा। इसलिए मेरा सभी व्यापारी बंधु गण से अनुरोध है कि अपने-अपने घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में दीप पर्व की भांति सजाकर प्रभु श्री राम के आगमन का स्वागत करें।