दुर्ग। छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ड्रग्स के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। राजस्थान की एक बायोलैब में छापा मारकर पुलिस ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा का ड्रग्स जब्त किया है। मौके से संचालक गिरफ्तार किया गया है। इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।
एसपी राम गोपाल गर्ग ने बताया कि जिले में लगातार नशे के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इसके लिए विशेष टीम बनाई गई है। जांच करते हुए टीम प्रदेश में ड्रग्स सप्लाई करने वाले गिरोह तक पहुंची तो पता चला कि इसके तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं। इसके बाद कई जगह छापे मारे गए। राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित बायोलैब रेमेडीज में ष्टस्क्क मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में टीम ने छापा माया। वहां से 1.60 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली टैबलेट और सिरप बरामद हुए। इसके बाद लैब के संचालक अंकुश पॉलीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे दुर्ग लाया गया है।
राजस्थान से पूरे देश में होती है सप्लाई
दुर्ग पुलिस ने बताया कि बायोलैब रेमेडीज से ड्रग्स की सप्लाई पूरे देश में की जा रही थी। पूछताछ में अंकुश ने पुलिस को बताया कि देश के कई राज्यों के अलावा बांग्लादेश में भी ऑनलाइन ड्रग्स बेचा जा रहा था। पुलिस ने बताया कि दुर्ग में भाई-बहन के पकड़े जाने के बाद संचालक तक पहुंचे। दुर्ग पुलिस ने 22 दिसंबर को आकांक्षा खंडेलवाल को गिरफ्तार किया था। इसके 5 दिन बाद उसके भाई वैभव खंडेलवाल को पकड़ा गया। आरोप है कि भाई-बहन ऑनलाइन ड्रग्स बेचने के लिए वायरस मेडिकोज नाम से फर्जी कंपनी बनाई थी। इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन इंडिया मार्ट साइट पर कराया था। दोनों आरोपी राजस्थान के अंकुश पालीवाल से नशीली दवाएं मंगाते थे। इसके बाद वैभव देश भर में और आकांक्षा छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों लोगों से संपर्क कर रिटेल में बेचती थी।
डॉर्क वेब का किया उपयोग
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने फर्जी कंपनी बनाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया। उसकी मदद से सीखा कि किस तरह से फर्जी कंपनी राजिस्टर्ड कर नशीली दवाओं का कारोबार कर अधिक पैसा कमाया जा सकता है। इसके बाद अंकुश पालीवाल से संपर्क किया और उससे दवा लेकर पूरे देश में सप्लाई की।