रायगढ़। यात्री ट्रेनों में अवैध तरीके से फेरी करने व महिला बोगी में सफर करने सहित अन्य अपराधों में शामिल लोगों को आरपीएफ द्वारा अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई किया जा रहा है। जिसके निपटारे के लिए मंगलवार को आरपीएफ पोस्ट रायगढ़ में विशेष कोर्ट का आयोजन किया गया, जहां रेलवे मजिस्ट्रट ने अलग-अलग धाराओं के तहत जुर्माना से दंडित किया है।
उल्लेखनीय है कि यात्री ट्रेनों में सफर करने के दौरान कोई महिला बोगी तो कोई अवैध फेरी सहित अन्य रेलवे नियमों को अवहेलना करने वालों के खिलाफ आरपीएफ द्वारा अभियान चला कर पकड़ा जा रहा है। इस दौरान पकडे जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।वहीं विगत माहभर में करीब 185 लोगों पर कार्रवाई हुई थी, जिसके निपटारे के लिए मंगलवार को आरपीएफ पोस्ट में मजिस्ट्रेट कोर्ट लगाया गया। जहां रेलवे मजिस्ट्रेट पवन कुमार अग्रवाल ने 185 मामले में अलग-अलग धाराओं के तहत दर्ज हुए मामले का निराकरण किया। इस दौरान इन मामलों से जुड़े सभी लोगों को सुबह से ही आरपीएफ पोस्ट बुलाया गया था। इस दौरान सबसे ज्यादा केस अवैध फेरी का था, इसके बाद महिला बोगी में सफर करने वाले तथा विकलांग बोगी में सफर करते पाए जाने पर जुर्माने से डंदित किया गया है।
दी गई समझाईश
इस संबंध में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजेश वर्मा ने बताया कि रेलवे अधिनियम के अलग-अलग धाराओं के तहत जिन लोगों पर कार्रवाई की गई थी, उनको विशेष रूप से समझाईश भी दी गई है, ताकि आने वाले समय में फिर से इस तरह की गलती न करें। क्योंकि ट्रेनों में फेरी व भीख मांगना अपराध के श्रेणी में आता है। साथ ही पोस्ट प्रभारी का कहना था कि यात्री ट्रेनों की जांच लगातार जारी रहेगी। ऐसे में अगर वहीं व्यक्ति दोबारा पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अलग-अलग धाराओं में हुई कार्रवाई
गौरतलब हो कि ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को सुगम यात्रा बनाने के लिए आरपीएफ द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मंगलवार को 161 केस का निपटारा हुआ, इस दौरान ट्रेन अवैध रूप से फेरी करने वाले 160 हांकरों पर धारा 144 के तहत मामला दर्ज हुआ था। जिसे जुर्माने से दंडि़त किय गया है। इसके साथ ही महिला कोच में सफर करते 15 लोग पाए गऐ थे, जिनके खिलाफ धारा 162 के तहत कार्रवाई हुई थी, वहीं दिब्यांग कोच में सफर करते 10 लोग पाए गए थे, जिनपर धारा 155 के तहत कार्रवाई थी, जिससे मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल ने इन सभी मामलों में 90 हजार 500 रुपए से दंडित किया है।