रायगढ़। विधानसभा चुनाव के बाद रायगढ़ जिले में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा ने जिले की किरोड़ीमलनगर की नगर पंचायत में भगवा लहरा दिया है। नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिस पर आज शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आयोजित सम्मेलन में भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट हासिल कर लिया। साथ ही कांग्रेस की नगर पंचायत सरकार को गिराने में सफलता हासिल कर ली। जबकि कांग्रेस को महज 5 वोट मिले। खास बात यह है कि 2019 के नगर पंचायत चुनाव में कांग्रेस 10 पार्षदों के साथ पूर्ण बहुमत से चुनाव जीती थी। लेकिन कांग्रेस के पांच पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम कर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दे दिया और भाजपा अब किरोड़ीमलनगर की नगर पंचायत में पूर्ण बहुमत में आ गई है। दरअसल नगर पंचायत किरोड़ीमलनगर के 10 पार्षदों ने नए साल के पहले ही दिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलकर अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को आवेदन सौंपा था। खास बात यह थी कि भाजपा के पांच पार्षदों और कांग्रेस के पांच पार्षदों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिस पर आज शुक्रवार को किरोड़ीमलनगर के नगर पंचायत कार्यालय में सम्मेलन का आयोजन किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाए गए सम्मेलन में रायगढ़ एसडीम गगन शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था। सम्मेलन निर्धारित समय पर प्रारंभ हुआ। बताया जाता है कि पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और भाजपा पार्षदों की उपस्थिति में समय सारणी का निर्धारण किया, और उसके बाद पीठासीन अधिकारी द्वारा अध्यक्ष हरि किशोर चंद्रा और उपाध्यक्ष मनीष शर्मा पर लगाए गए आरोपों पर चर्चा शुरू कराई गई। चर्चा के दौरान विरोधी दल भाजपा के पार्षदों ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कार्यशैली को विस्तार से बताया। जिसका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने जवाब भी दिया, लेकिन विरोधी दल के सभी पार्षद संतुष्ट नहीं हुए और अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान करने की मांग की। जिस पर पीठासीन अधिकारी की मौजूदगी में गुप्त मतदान की कार्रवाई पूर्ण की गई। तत्पश्चात मतगणना उपरांत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट आने और अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध 5 वोट ही मिलने पर अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी गई। बताया जाता है कि भाजपा पार्षद अमित सिदार, नंदकुमार यादव, प्रेमलता साहू, विमला, अजय राय, सविता अमरनाथ सिंह के अलावा सुनीता मोहन विश्वकर्मा, कमला साहू, जसिंता बड़ा, संतोष साहनी और सुनीता चौहान ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। वहीं कांग्रेस पार्षद हरि किशोर चंद्रा, उमेश चौहान, मनीष शर्मा, डोरी लाल चौहान और मोहम्मद इकबाल ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। लेकिन कांग्रेस की नगर सरकार नहीं बचा पाए। अविश्वास प्रस्ताव के पूर्ण बहुमत से पारित होने पर कांग्रेस की नगर सरकार आखिर गिर ही गई। उधर अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की खबर से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह नजर आया। बताया जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सुबह करीब 10 बजे से ही नगर पंचायत कार्यालय के बाहर लोगों का मजमा लगा रहा। घोषणा के उपरांत पहले कांग्रेस के पांचो पार्षद कार्यालय से बाहर निकले। उसके बाद भाजपा के 10 पार्षद नगर पंचायत कार्यालय से बाहर आये जोरदार नारेबाजी के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीत की उत्साह का प्रदर्शन किया। नगर पंचायत कार्यालय से निकलकर भाजपा पार्षदों का दल सीधे दुर्गा मंदिर पहुंचा जहां पूजा-अर्चना की गई।
अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण
पार्षदों का कहना था कि अध्यक्ष किशोर चंद्रा के कार्यकाल में नगर पंचायत में भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता और कमीशन खोरी से जनता के साथ पार्षद परेशान थे। प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों से वसूली की जा रही थी, रोड, नाली निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य करा कर ठेकेदारों से 20 से 25 प्रतिशत कमीशन का खेल खेला जा रहा था। इसी तरह शासकीय जमीनों के लिए दलालों से सांठ-गांठ कर चार-पांच लाख में बेचने के आरोप भी लगाए गए थे। इस तरह पांच बिंदुओं में अध्यक्ष के खिलाफ आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन किया गया था। उपाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने दिए गए आवेदन में कहा गया था कि उपाध्यक्ष मनीष शर्मा पर अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे कमीशन खोरी आर्थिक अनियमितता में बराबर की हिस्सेदारी है। इस आशय के आरोप अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर लगाए गए थे।
भाजपा ने बनाई थी तगड़ी रणनीति
किरोड़ीमलनगर नगर पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा बेहद गंभीर दिखी। जिसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पूर्ण बहुमत के साथ पारित हो गया। बताया जाता है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता विजय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में पूरी रणनीति तैयार कर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। कांग्रेस से बगावत करने वाले सभी पांचो पार्षद को भाजपा में शामिल कर बीते 1 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को आवेदन सौपा गया था। साथ ही भाजपा नेताओं का दल सभी 10 पार्षदों के साथ तीर्थाटन के लिए चले गए थे। अविश्वास प्रस्ताव के सम्मेलन की तिथि निर्धारित होने के बाद सभी 10 पार्षद लौट आए और आज सम्मेलन में शामिल हुए थे। बताया जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए भाजपा नेता गोपाल ठाकुर सहित पश्चिम मंडल अध्यक्ष लोचन पटेल, मंडल महामंत्री दिनेश उरांव, अजय अग्रवाल, यशवंत गुप्ता, लोकेश पटेल, बालकृष्ण साहू, रामकिशोर सिंह, पिंटू सिंह, राहुल ठाकुर, आर. एस. साहू पूरी तन्मयता से जूटे थे। इसके अलावा आज सुबह से ही बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौके पर डटे रहे। पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुरली पटेल, ईश्वर पटेल के अलावा खरसिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मौजूद की रही।
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पुलिस एवं प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। नगर पंचायत कार्यालय के बाहर जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं दोनों गेट बंद कर दिये गये थे जहां पुलिस अधिकारी और सुरक्षा बल की तैनाती रही। साथ ही बाउंड्री के भीतर मुख्य द्वार पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेव और एसडीओपीओ मौजूद रहे। हालांकि सम्मेलन के दौरान किसी तरह के वाद विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई, सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।
आखिर गिर ही गई कांग्रेस की नगर पंचायत सरकार
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 10 वोट, किरोड़ीमल नगर पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित
