रायगढ़। जिले में सरकारी विभाग की बिजली बिल अदा करने में फिलहाल रुचि नहीं दिख रहे हैं, जिससे सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया 109 करोड़ के आंकड़ों को भी पार कर गया है। बिजली बिल के बकाया की यह राशि राज्य शासन के अलग-अलग विभागों के अलावा केंद्र शासन के अलग-अलग डिपार्टमेंट की है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बिजली बिल का बकाया नगरीय निकायों पर 64 करोड़ 33 लाख है। जब कि ग्राम पंचायत पर 41 करोड़ 19 लाख से भी अधिक का बिजली बिल बकाया है। रायगढ़ सर्किल के जोन क्रमांक-1 और जून क्रमांक-2 के शासकीय विभागों के बड़े बकायदारों की फेहरिस्त लंबी है। बकाया कुल राशि पर गौर करें तो यह 109 करोड़ 21 लाख से भी अधिक की राशि है। अब चूंकि इन शासकीय विभागों के बड़े बकायदारों की बिल न अदा करने के पीछे के कारणों की बात करें तो उन्हें शासन से मिलने वाले फंड का इंतजार रहता है। बताया जाता है कि ज्यादातर विभागों को बिजली बिल के लिए फंड एलाट नहीं हो सका, जिससे समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जा सका। फंड उपलब्ध होने के साथ बिजली बिल की बकाया राशि का भुगतान किए जाने की बात कही जा रही है। दरअसल विधानसभा चुनाव के चलते ज्यादातर शासकीय विभागों को बिजली बिल अदा करने के लिए फंड जारी नहीं किया जा सका था। जिसके चलते रायगढ़ जिले के ज्यादातर शासकीय विभागों के बिजली बिल बकाया होने के दावे किए जा रहे हैं। विद्युत विभाग के आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा बिजली बिल का बकाया सर्किल के नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के हैं। बताया जाता है कि नगरीय निकायों में नल-जल, सडक़ बत्ती एवं अन्यामद का बकाया बिजली बिल 64 करोड़ 33 लाख 35 हजार 840 रुपए हैं। जबकि ग्राम पंचायत का नल-जल, सडक़ बिजली एवं अन्य मद का बिजली बिल का बकाया 41 करोड़ 19 लाख 41 हजार 279 है। इस तरह नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत पर बकाया बिल 105 करोड़ 53 लाख से भी अधिक है। सीएसपीडीसीएल रायगढ़ के सर्किल के जोन क्रमांक-1 के बड़े बकायदारों की संख्या 40 बताई जा रही है। जिन पर 50 हजार से अधिक का बकाया है। इसी तरह जोन क्रमांक-2 के 28 बड़े बकायदार राज्य शासन के अलग-अलग विभागों के हैं। जबकि केंद्र शासन के तीन विभागों में रेलवे, सेंट्रल स्कूल और एनएचआई है, जिन पर 50 हजार से अधिक का बकाया है। नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों के बाद सबसे अधिक बिजली बिल के बकायदारों की बात करें तो इनमें स्कूल शिक्षा विभाग, कौशल विकास उद्यमिता, जल संसाधन, पुलिस विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग, हाउसिंग बोर्ड, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, लोक निर्माण विभाग, सहकारिता विभाग और आबकारी विभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं।