रायगढ़। तीन दिन पहले पेट दर्द से परेशान होकर एक सिक्यूरिटी गार्ड जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था, जो एक दिन उपचार के बाद लापता हो गया, जिससे अस्पताल के कर्मचारियों ने एफकॉन दर्ज कर शांत हो गए, लेकिन उक्त मरीज बार्थरूम गया था, जिससे उसी में उसकी मौत हो गई थी, घटना की सूचना पर पुलिस मामले को विवेचना में लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बिहार प्रांत निवासी हरिशंकर सिंह पिता रामगोविंद सिंह (63 वर्ष) विगत कई साल से गेरवानी में किराए के मकान में रहकर एसआईसी सिक्यूरिटी कंपनी के तहत करतार गैरेज में गार्ड की नौकरी करता था। इस दौरान विगत चार दिन पहले उसके पेट में दर्द होने लगा था, जिससे उसके साथियों द्वारा उसे विगत 7 जनवरी की सुबह उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आए, जहां केजुअल्टी में भर्ती कराकर चले गए। इस दौरान जब उसका पेट दर्द कम हुआ तो डाक्टरों द्वारा उसे सात जनवरी की रात करीब 8 बजे मेल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। जिससे पूरी रात वार्ड में भर्ती होकर उपचार कराते रहा। वहीं 8 जनवरी को सुबह फ्रेस होने के लिए बाथरूम गया, इस दौरान बाथरूम में ही उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। जिससे बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण किसी को पता नहीं चला, वहीं जब 8 जनवरी को पूरे दिन उसका कहीं पता नहीं चला तो अस्पताल के कर्मचारियों को लगा कि मरीज हरिशंकर बगैर बताए चला गया है, जिससे कर्मचारियों द्वारा रजिस्टर में एफकॉन दर्ज कर दिया गया और उसकी खोजबीन भी नहीं किया गया। ऐसे में उक्त मृतक 8 व 9 जनवरी को बाथरूम में ही पड़ा रहा। वहीं 9 जनवरी की रात करीब 8 बजे कोई मरीज मेल मेडिकल वार्ड के बाथरूम की ओर गया तो देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है और किसी व्यक्ति का पैर दिख रहा है। जिससे इसकी सूचना ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को दिया, ऐसे में अन्य कर्मचारियों की मदद से दरवाजा खोल कर देखा गया तो वहां हरिशंकर सिंह मृत हालत में पड़ा था, जिससे इसकी सूचना उच्चाधिकारियेां को देते हुए कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। ऐसे में 10 जनवरी बुधवार की सुबह पुलिस ने मौके पर पहुुंच कर शव को मरच्यूरी में रखवाया है। साथ ही मृतक के मोबाइल को जब्त कर इसकी सूचना परिजनों को दी गई है। वहीं बताया जा रहा है कि उसके परिजनों के आने पर पीएम उपरांत शव को सौंप दिया जाएगा।
गौरतलब हो कि नियमत : अस्पताल के बाथरूम सुबह-शाम सफाई होता है, लेकिन जब से मेडिकल कालेज अस्पताल से अलग हुआ है, यहां की सफाई व्यवस्था भी बदहाल हो गई है। जिसका जिता-जागता उदाहरण आज देखने को मिला है। वहीं अगर बाथरूम की नियमित दोनों समय सफाई होती तो आठ जनवरी की सुबह ही पता चल जाता कि मरीज की वहां मौत हुई है, लेकिन दो दिनों तक न तो सफाई कर्मी बाथरूम गए और न ही कोई मरीज गया। जिसके चलते शव दो दिनों तक वहां पड़ा रहा।
लंबे समय से थी पेट दर्द की समस्या
इस संबंध में अस्पताल के कर्मचारियों की मानें तो मृतक हरिशंकर सिंह इसके पहले भी अस्पताल उपचार के लिए आता था, जो एक-दो दिन उपचार के बाद चला जाता था, साथ ही तबीयत में सुधार होने पर यह हमेशा घुमते रहता था। ऐसे में जब 8 जनवरी को यह बेड से लापता हुआ तो यही लगा था कि कहीं घुमने के लिए गया होगा, वापस आ जाएगा, लेकिन यह मेल वार्ड के बाथरूम में मृत पाया गया है।