रायगढ़। जिंदल पावर लिमिटेड को आवंटित गारे पेलमा 4गुना1 कोयला खदान डोंगामहुआ में काम करने वाले मजदूरों के द्वारा चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की गई थी। डोंगामहुआ कोल खदान के व्हीटीसी ऑफिस के मुख्य द्वार पर तीन दिनों तक धरना प्रदर्शन करने के बाद बीते दो दिनों से काम बंद कर एमडी गेट के पास अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए थे। मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने के बाद कोल खदान में कार्य प्रभावित हो चुका था। हड़तालीन मजदूरों को समझाइस देने के लिए प्रशासन और प्रबंधन की टीम कल धरना स्थल आई थी, लेकिन मजदूरों के साथ सकारात्मक चर्चा नहीं हो पाने के कारण मजदूरों ने हड़ताल समाप्त नहीं किया था।
कोल खदान कर्मियों की मांगे
डोंगामहुआ कोयला खदान में लगभग 40 मजदूर कार्यरत है, जो भू प्रभावित हैं। जिनको दो वर्गों में बांटा गया है। कुछ भू प्रभावित मजदूरों को जिंदल अपने अंदर रखा है, तो वहीं कुछ मजदूरों को सुपीरियर मैन पावर के अंदर रखकर कार्य लिया जा रहा है। भू प्रभावित सभी श्रमिकों का कहना है कि उन्हें कंपनी के जेपीएल कोड में नियुक्ति दी जाए। 10-15 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोल खदान के अंदर कार्यरत श्रमिकों को पदोन्नति नहीं दी गई है। श्रमिकों ने पदोन्नति की मांग की है। कोयला खदान में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के भत्तों से श्रमिकों को वंचित रखा गया है। खदानों में कार्यरत श्रमिको को मिलने वाले भत्ते के साथ नियुक्ति पत्र सभी श्रमिकों को दिए जाने की मांग प्रबंधन से की गई है।
प्रबंधन ने मांगा 45 दिनों का समय
अनिश्चितकालीन हड़ताल के आज दूसरे दिन फिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर आई। कई घंटे तक मजदूरों के साथ काम पर लौटने को लेकर बातचीत हुई। लेकिन मजदूर मौखिक आश्वासन को मानने को तैयार नहीं हुए। जिसके बाद जिंदल प्रबंधन ने मजदूरों को लिखित रूप से आश्वस्त किया है कि आगामी 45 दिनों में मजदूरों की चार सूत्रीय मांग पर निर्णय लेकर सकारात्मक निराकरण कर देगा। लिखित रूप में आश्वासन मिलने के बाद मजदूरों ने हड़ताल स्थगित कर दिया है।